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नशे के खिलाफ मोर्चाः अफीम तस्करी रूट पर नाकेबंदी और सेटेलाइट इमेज से रांची पुलिस ने हफ्तेभर में पकड़ी 7 करोड़ की खेप - Ranchi police action on opium - RANCHI POLICE ACTION ON OPIUM

Opium smuggling route in Ranchi. नशे के खिलाफ रांची पुलिस ने मोर्चा खोल दिया है. सितंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक करीब सात करोड़ की मादक पदार्थ जब्त खर 68 तस्करों को जेल भेजा गया है. अफीम तस्करी रूट पर नाकेबंदी और सेटेलाइट इमेज से पुलिस को सफलता मिल रही है.

Blockade on opium smuggling route by Ranchi Police
रांची में अफीम तस्करी रूट पर नाकेबंदी और सेटेलाइट इमेज से पुलिस को सफलता मिल रही है

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 6, 2024, 8:50 PM IST

अफीम तस्करी पर रांची पुलिस का वार

रांचीः जिला पुलिस के द्वारा अफीम तस्करी की रूट को चिन्हित कर उसकी नाकेबंदी की गई, अफीम तस्करों के मंसूबे पर पुलिस का वार कामयाब साबित हो रहा है. सेटेलाइट इमेज से अफीम की खेती वाले इलाकों से निकलने वाले रास्तों की नाकेबंदी पुलिस के द्वारा की गई है. जिसके बाद लगातार अफीम भी बरामद हो रहा है और नशे के तस्कर भी गिरफ्तार हो रहे हैं.

रांची और खूंटी से करोड़ों की अफीम निकालने की जुगत में तस्कर

रांची के ग्रामीण थाना क्षेत्र और लगभग पूरे खूंटी जिला में हर वर्ष की भांति इस बार भी सैकड़ों एकड़ निजी और वन भूमि पर अफीम की फसल तैयार की गई है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के द्वारा पुलिस को जो सेटेलाइट इमेज उपलब्ध करवाया गया है, उसमें खूंटी और रांची में हुई अफीम प्लांटेशन की स्पष्ट तस्वीरें सामने आई हैं. सैटेलाइट इमेज मिलने के बाद एक तरफ तो अफीम की फसल को नष्ट किया जा रहा है. जो अफीम तस्करों के द्वारा खेतों से हटाकर कहीं और जमा किया है, उसकी तलाश में भी सीआईडी से लेकर जिला पुलिस तक लगी हुई है.

झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि अफीम के खिलाफ लड़ाई में विभिन्न एजेंसियों का सहयोग मिल रहा है. सीआईडी डीजी के अनुसार हमें सैटेलाइट इमेज बेहद साफ मिल रहा है. जिसका फायदा हमें अफीम की फसल को नष्ट करने में मिल रहा है.

"हमें विभिन्न एजेंसी की मदद मिल रही है. सैटेलाइट इमेज हमें प्राप्त हो रहा है. जिसके माध्यम से हम लोग पता लगा रहे हैं कि कहां अफीम की खेती हो रही है. उसको हम नष्ट कर रहे हैं". -अनुराग गुप्ता, डीजी, झारखंड सीआईडी.

तस्करी रूट की नाकेबंदी

अफीम के तस्करों के द्वारा खूंटी और रांची के ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों एकड़ में अफीम की फसल उगाई गयी थी. जिसे अब लोकल तस्कर राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश के तस्करों की मदद से राज्य से बाहर निकालने की तैयारी में हैं. पुलिस को सैटेलाइट इमेज के जरिए यह पता चल चुका है कि अफीम की खेती किन किन इलाकों में की गई है, साथ ही यह तय है कि अफीम को जंगल से बाहर निकालने के लिए तस्करों को राजधानी रांची के किसी न किसी हाइवे का इस्तेमाल करना होगा.

ऐसे में रांची एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के द्वारा खूंटी से निकलने वाले तमाम हाइवे और कनेक्टिंग सड़कों की नाकेबंदी कर दी गई है. इन नाकों पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है जो बिना चेकिंग के किसी वाहन को गुजरने नहीं दे रहे हैं.

रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि रांची पुलिस का सामना दो तरह के तस्करों से हो रहा है. पहले नंबर पर वो तस्कर हैं जो शहर के भीतर ब्राउन शुगर, चरस, गांजा और अफीम की सप्लाई करते हैं. वहीं दूसरे नंबर पर अंतरराज्य अफीम तस्कर हैं जो भारत के विभिन्न राज्यों में रांची होते हुए अफीम लेकर जाते हैं. एसएसपी के अनुसार शहर में तो कार्रवाई चल ही रही है लेकिन उनका सबसे ज्यादा ध्यान हाईवे पर है.

एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि अफीम के तस्करों पर नकेल कसने के लिए राजधानी से बाहर निकलने वाले सभी रास्तों पर चेक नाके लगा दिए गए हैं. खासकर सब्जी और अनाज का भूसा ढोने वाली बड़ी से लेकर छोटी वाहनों को बिना पूरी जांच के नाके से गुजरने नहीं दिया जा रहा है. हाल के दिनों में करोड़ों रुपए की अफीम पुलिस ने जब्त किया है. उनमें से अधिकांश अफीम आलू के बोर के नीचे या फिर अनाज के भूसे के नीचे छुपा कर रखे गये थे.

अफीम पर रांची पुलिस की कार्रवाई

सितंबर 2023 से 4 अप्रैल 2024 तक सात करोड़ की खेप जब्त

रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पिछले 3 महीने के भीतर नशे के तस्करों के खिलाफ जितनी कार्रवाई हुई है, उतनी कार्रवाई पिछले दो-तीन वर्षों में भी नहीं हुई थी. सितंबर 2023 से लेकर 4 अप्रैल 2024 तक 68 नशे के तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुका है. इनमें से कई तस्कर राजस्थान और दूसरे राज्यों के हैं. अफीम की बात करें तो एक ही सप्ताह के भीतर करीब 7 करोड़ का डोडा केवल रांची पुलिस ने जब्त किया है. 15 लाख से अधिक का ब्राउन शुगर और दूसरे तरह के नशे के सामान भी सीज किया गया है.

गांव से निकलने वाले रास्तों पर भी नजर

रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि अफीम निकालने के लिए या तो बड़े वाहनों का प्रयोग हो रहा है या फिर दो पहिये वाहनों का. पुलिस की नजर दोनों ही रास्तों पर है. यही वजह है कि नशे की खेप पकड़ी जा रही है. इन रास्तों पर नाकेबंदी से पुलिस को काफी सफलता मिल रही है.

"हम लोग इंटरस्टेट ट्रेड और लोकल युवाओं को जो ड्रग्स पेडलर दे रहे हैं, इन दोनों पर कार्रवाई कर रहे हैं. विगत दो-तीन महीने में जितनी कार्रवाई हुई उतनी उपलब्धी पुलिस को विगत दो तीन वर्षों में नहीं मिली है". -चंदन कुमार सिन्हा, सीनियर एसपी, रांची.

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