बस्तर के फेमस कांगेर वैली नेशनल पार्क में पक्षियों का सर्वेक्षण, नई प्रजाति के बर्ड्स का चलेगा पता
Bird survey in Kanger छत्तीसगढ़ के कांगेर वैली नेशनल पार्क में पक्षियों के सर्वेक्षण को लेकर पूरी तैयारियां कर ली गई है. 25 फरवरी से कांगेर वैली नेशनल पार्क में बर्ड्स का सर्वे होगा. Kanger Valley National Park
बस्तर: बस्तर के प्रसिद्ध कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की गणना की शुरुआत हो रही है. 25 फरवरी से बर्ड्स की काउंटिंग यहां शुरू होगी और पक्षियों के सर्वे का यह काम 27 फरवरी तक चलेगा. कांगेर वैली नेशनल पार्क के डायरेक्टर धम्मशील गणवीर ने इस बात की जानकारी दी है.
तीन दिनों तक होगा पक्षियों का सर्वेक्षण: कांगेर घाटी राष्ट्रीय पार्क के निदेश धम्मशील गणवीर ने कहा कि यहां तीन दिनों तक बर्ड्स के सर्वे और काउंटिंग का काम किया जाएगा. इस सर्वे को साइंटिफिक आधार पर किया जाएगा. जिसके लिए 10 राज्यों के 70 से अधिक विशेषज्ञों को शामिल किया गया है.
बस्तर हिल मैना के लिए फेमस है यह पार्क: धम्मशील गणवीर ने कहा कि कांगेर वैली नेशनल पार्क में छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी बस्तर हिल मैना की संख्या दिखती है. यहां 15 से अधिक गांवों में यह पक्षी देखा जाता है. साल 2023 में इसी तरह का एक सर्वेक्षण किया गया था जिसमें 201 पक्षी प्रजातियों की पहचान की गई थी. जिनमें पहाड़ी मैना, ब्लैक-हुडेड ओरिओल, रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो, जंगल फाउल और कठफोड़वा पक्षी शामिल थे.
"पिछले साल के अध्ययन से यह स्पष्ट हो गया है कि राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों के लिए एक प्रमुख केंद्र है और देश में पक्षी प्रेमियों के लिए हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहा है.इस सर्वेक्षण से पार्क में अधिक पक्षी प्रजातियों की पहचान करने और उनकी आदतों और आबादी का पता लगाने में मदद मिलेगी. जिससे उनके संरक्षण में मदद मिलेगी और इको-टूरिज्म के तहत इसमे नए आयाम जुड़ेंगे. बर्ड काउंट इंडिया के सहयोग से आयोजित इस सर्वे में छत्तीसगढ़ के अलावा पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात और राजस्थान के 70 से अधिक पक्षी विशेषज्ञ और शोधकर्ता शामिल हो रहे हैं": धम्मशील गणवीर, डायरेक्टर, कांगेर वैली नेशनल पार्क
कांगेर वैली नेशनल पार्क में मैना मित्र योजना जारी: कांगेर वैली नेशनल पार्क के डायरेक्टर धम्मशील गणवीर ने बताया कि "कांगेर वैली नेशनल पार्क में मैना मित्र योजना की शुरुआत की गई है. इसमें स्थानीय युवा और गांव के लोग सदस्य के तौर पर पक्षियों के संरक्षम के कार्य में हिस्सा ले रहे हैं. इसके अलावा पर्यावरण विकास समित के सदस्य जो वन विभाग से जुड़े हुए हैं. वह इसमें मदद पहुंचा रहे हैं जिससे सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा मिल रहा है और प्राकृतिक संरक्षण में सुधार हो रहा है."
कांगेर घाटी राष्ट्रीय पार्क 200 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यह उद्यान अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता और गुफाओं के लिए फेमस है. यहां काफी घना जंगल है और तीरथगढ़ झरने और कुटुमसर चूना पत्थर की गुफाओं से यह घिरा हुआ है.