पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के पास इजराइली हथियार एम-16 और एक्स-95 हैं. माओवादी बिहार से सटे सीमावर्ती और बूढ़ा पहाड़ इलाकों में ऑटोमेटिक और विदेशी हथियारों का इस्तेमाल करते हैं. 2022 में सुरक्षा बलों ने बिहार से सटे छकरबंधा और बूढ़ा पहाड़ इलाकों पर कब्जा कर लिया है. कब्जे के बाद सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है. लेकिन माओवादियों के पास मौजूद एम-16, एक्स-95 या एचके-33 जैसे विदेशी हथियार बरामद नहीं हो पाए हैं.
बूढ़ा पहाड़ और बिहार में इन हथियारों को बरामद करना अभी भी सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बना हुआ है. एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हथियारों को बरामद करना आसान नहीं है. इसकी बरामदगी के लिए सटीक जानकारी होनी चाहिए. बूढ़ा पहाड़ इलाके में कई जगहों पर जंगलों की खुदाई की गई लेकिन हथियार बरामद नहीं हो पाए हैं.
"किसी भी कमांडर की गिरफ्तारी के बाद हथियारों का ठिकाना बदल दिया जाता है. हथियारों की जानकारी रिजनल या जोनल कमांडर रैंक के माओवादियों के पास रहती है. संबंधित कमांडर के पकड़े जाने या मारे जाने के बाद कई बार हथियारों को जंगल में ही दफना दिया जाता है." - सुरेंद्र यादव, पूर्व माओवादी कमांडर
माओवादियों ने 17 लाख रुपये में खरीदे थे एम-16
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने 2015-16 में 17 लाख रुपये प्रति एम-16 की कीमत पर इजरायली हथियार एम-16 खरीदा था. इस दौरान 16 एके-47 भी खरीदे गए थे. सभी हथियार झारखंड-बिहार सीमा पर छकरबंधा में रखे गए थे. पुलिस और सुरक्षा बलों ने माओवादियों के सेंट्रल जोन (बिहार के पलामू, चतरा, गया, औरंगाबाद, रोहतास) के प्रवक्ता अभय यादव को गिरफ्तार किया. अभय यादव ने खुद पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को बताया कि 17 लाख रुपये में एम-16 खरीदे गए थे. माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के शीर्ष कमांडर संदीप यादव ने सभी हथियार खरीदे थे. यह हथियार बिहार के पटना निवासी प्रकाश मिश्रा नामक व्यक्ति ने मुहैया कराया था. संदीप यादव की 2022 में बीमारी से मौत हो गई थी. संदीप यादव की मौत के बाद सुरक्षा बलों ने छकरबंधा इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था.
माओवादियों की बैठक में एम-16 का किया गया था विरोध