भोपाल:आपने कई कॉम्पटीशन सुने और देखे होंगे, लेकिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रोबोट्स का कॉम्पटीशन किया गया. इन रोबोट्स को एक खास प्रतियोगिता के लिए प्रोग्राम किया गया. इस कॉम्पटीशन में मध्य प्रदेश सहित अलग-अलग राज्यों के 22 स्टूडेंट्स की टीमों ने हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में टीमों को ब्लैक लाइन वाले रास्ते की भूल-भुरैया पर चलने का टास्क दिया गया.
15 मिनट का मिला टॉस्क
स्टूडेंट्स में तकनीकी क्षेत्र में नवाचार को बढावा देने और उनके तकनीकी कौशल को बढ़ाने के लिए भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में इमर्जिंग टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन सब्जेक्ट पर रोबोट्स पर कॉम्पटीशन कराया गया. इसमें केरल, लखनऊ, बडौदा, मुंबई, पुणे के अलावा मध्य प्रदेश के कई कॉलेजों की करीबन 22 टीमों ने हिस्सा लिया. इसमें छात्रों को 16 बाय 16 के एरिया में भूल-भुलैया वाली लाइनों पर रोबोट्स को चलाने का टास्ट दिया गया. इसके लिए 15 मिनिट का समय निर्धारित किया गया. प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. पूनम सिन्हा ने बताया कि 'इसके जरिए रोबोट की तकनीकी क्षमता को परखा गया, बल्कि यह भी देखा गया कि उनकी प्रोग्रामिंग और नेविगेशन सिस्टम कितना बेहतर है.'
मध्य प्रदेश में रोबोट्स की रेस (ETV Bharat) टेस्ला की तरह बनाया रोबोट
लखनऊ की डॉ. एपीजे अब्दुल कमाल यूनिवर्सिटी के छात्र मोहित दुबे ने अपने चार टीम मेंबर्स के साथ मिलकर तैयार किए गए लाइन फॉलोइंग रोबोट के साथ इसमें हिस्सा लिया. छात्रमोहित ने बताया कि 'उन्होंने इस रोबोट को ठीक वैसा ही बनाने की कोशिश की है, जैसा टेस्ला कंपनी में लाइन फॉलोइंग रोबोट्स का उपयोग होता है. इसके लिए उन्होंने ब्लैक लाइन को डिटेक्ट करने के लिए आईआर सेंसर यूज किया. इससे मिलने वाले सिगनल्स को ऑर्डिनो से जोड़ा. ऑर्डिनो को इसके हिसाब से प्रोग्राम किया. ताकि रोबोट्स ब्लैक लाइन को डिटेक्ट कर उस पर एक्शन ले सकें. इसमें चार व्हील्स लगाए गए और उन्हें मोटर से जोड़ा गया. टेस्ला कंपनी में भी लाइन फॉलोइंस रोबोट्स की मदद से सामान को लोड-अनलोड किया जाता है.
भोपाल में रोबोट्स की रेस हुई (ETV Bharat) बेहतर प्रोजेक्ट को मिलेगा फाइनेंशियल सपोर्ट
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के यूआईटी के डायरेक्टर नीरज गौर कहते हैं कि 'इस कॉम्पटीशन के जरिए आईटी के छात्रों की कौशल क्षमता को बढ़ाने की कोशिश की गई. ताकि तकनीकि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स के इनोवेटिक स्टार्टअप को बढ़ाने के लिए छात्रों को वित्तीय मदद भी उपलब्ध कराई जा रही है. इसके अलावा उन्हें दूसरी मदद भी दी जाएगी.'