भोपाल। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में एमपी के मंत्रियों को दो दिन की ट्रेनिंग दी जा रही है. लेकिन 18 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को सुशासन की पाठशाला से दूर क्यों रखा गया. सियासी गलियारों में इस बात पर चर्चा जोरों पर है. कहा जा रहा है की बीजेपी ने उन्हें साइडलाइन करना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि जिस मुख्यमंत्री ने अपने भाषणों में गुड गवर्नेंस की बात की और दावा भी किया कि एमपी में गुड गवर्नेंस है, सवाल ये है की उनको दो दिन के ट्रेनिंग सेशन से दूर क्यों रखा गया है.
विपक्ष ने शिवराज पर उठाए सवाल
हालांकि विपक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज पर ही सवाल उठाए और कहा कि ''बेहतर होता ये प्रशिक्षण खुद शिवराज और उनके साथ रहे मंत्री देते तो.'' कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे ने आरोप लगाते हुए कहा ''सूत्रों से पता चला है कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार कैसे किया जाना है, इसकी ट्रेनिंग मंत्रियों को दी जा रही है. लेकिन इसमें शिवराज को आमंत्रित नहीं किया गया है. शिवराज के समय जो भी भ्रष्टाचार हुए हैं वह उजागर हो चुके हैं. इसलिए अब केंद्रीय नेतृत्व में नए तरह के भ्रष्टाचार करने के लिए यह प्रोग्राम रखा गया है. भाजपा में शिवराज का अपमान हो रहा है. उन्हें चुनाव में दूल्हा दिखाया गया, बारात उनके नाम से निकाली गई और जब विवाह का समय आया तो अचानक दूल्हा बदल दिया गया.''
शिवराज सिंह ने विपक्ष के हमले का जवाब दिया
कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी पलटवार करने में देर नहीं की. उन्हें ट्रेनिंग ने क्यों नहीं बुलाया गया, इसे लेकर तो जवाब नहीं दिया लेकिन कांग्रेस को आइना दिखाते हुए यही कहा कि ''जा की रही भावना जैसी तिन देखी मूर्त वैसी...जो जैसा करते हैं वैसा ही सोचते हैं.''
मध्यप्रदेश लीडरशिप समिट में मंत्रियों को अलग अलग ट्रेनिंग के सेशन रखे गए हैं. सरकार का मानना है इससे शासन में उनकी कुशलता और दक्षता बढ़ेगी. साथ ही मंत्रालयों और विभागों के साथ तालमेल और समन्वय को सीखने का मौका मिलेगा और नेतृत्व क्षमता को विकसित करने वाला प्रबोधन कार्यक्रम सबके लिए फायदेमंद साबित होगा.
सीएम बोले मंत्रियों के फैसलों से जनता प्रभावित होती है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अटल बिहारी वाजपेई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान में मध्यप्रदेश लीडरशिप समिट में मंत्रि-परिषद के दो दिवसीय प्रशिक्षण और ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित किया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ''राज्य की मंत्रि-परिषद के निर्णय से प्रदेश की समूची जनता प्रभावित होती है. इसलिए मंत्रि-परिषद के सदस्यों का समय-समय पर प्रशिक्षण आवश्यक है. प्रशिक्षण से शासन की बारीकियां सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे प्रशासन में कसावट आयेगी और इसका सीधा लाभ मंत्रि-परिषद के निर्णयों के माध्यम से प्रदेश की जनता को मिलेगा.''