चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले केंद्र सरकार ने पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने का ऐलान किया है. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या बीजेपी इस फैसले से हरियाणा में जाट वोटबैंक को साधने में कामयाब हो पाएगी? हरियाणा में कहा जाता है कि बीजेपी नॉन जाट की राजनीति करती है. अब सवाल ये है कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर बीजेपी जाट वोटरों को लुभाने में जुटी है?
हरियाणा में जाट वोटबैंक पर कितना असर? हरियाणा में करीब 24 फीसदी से अधिक जाट वोट बैंक है. जिसका असर चार लोकसभा क्षेत्र रोहतक, सोनीपत, हिसार और भिवानी में है. प्रदेश की करीब तीस से अधिक विधानसभा सीटें ऐसी हैं. जिस पर जाट वोटरों का सीधा असर है. हरियाणा के परिपेक्ष से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न का सम्मान दिया जाना कहीं ना कहीं जाट वोट बैंक पर भी असर करेगा.
इस मामले में राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी ने कहा "भले ही पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया गया हो, लेकिन इसका हरियाणा में अधिक प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा. बीजेपी को इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फायदा होगा. इस फैसले से बीजेपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की करीब 27 सीटों को साधने सकती है. अगर हरियाणा के परिपेक्ष में बात की जाए, तो ताऊ देवीलाल को अगर ये सम्मान मिलता, तो शायद उसका ज्यादा असर हरियाणा में पड़ता."
वरिष्ठ पत्रकार राजेश मोदगिल ने कहा "बीजेपी ने सरकार बनने के बाद जिस तरीके से भारत रत्न सम्मान के लिए नामों का चयन किया है, उसके जरिए बीजेपी ये संदेश दे रही है कि उनकी पार्टी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर, जिन लोगों ने देश और समाज के लिए अपना अहम योगदान दिया है. उनको सम्मानित कर रही है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न सम्मान दिए जाने का असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा में भी देखने को मिलेगा, हालांकि ये तो चुनावी नतीजे ही बता पाएंगे कि पार्टी का ये फैसला उसको जाट वोट दिलाने में कितना कामयाब होता है."