चंडीगढ़: हरियाणा निकाय चुनाव के लिए नामांकन का दौर जारी है. इस बीच कांग्रेस ने प्रदेश प्रभारी को बदल दिया है. कांग्रेस ने हरियाणा कांग्रेस प्रभारी के तौर पर बीके हरिप्रसाद को नियुक्त किया है. बीके हरिप्रसाद ने दीपक बाबरिया की जगह ली है. हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद चर्चा तेज थी कि हरियाणा कांग्रेस प्रभारी के पद से दीपक बाबरिया को हटाया जा सकता है. उस वक्त कांग्रेस हाईकमान ने कोई फैसला नहीं किया, अब हरियाणा निकाय चुनाव के दौरान कांग्रेस ने हरियाणा कांग्रेस प्रभारी को बदल दिया है.
कौन हैं बीके हरिप्रसाद? 70 वर्षीय बीके हरिप्रसाद की गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती है. वो बेंगलुरु के रहने वाले हैं. बीके हरिप्रसाद साल 2013 में भी हरियाणा कांग्रेस प्रभारी रह चुके हैं. इससे पहले वो कर्नाटक के मुख्यमंत्री की दौड़ में रह चुके हैं. बीके हरिप्रसाद पूर्व में राज्यसभा सदस्य और राज्यसभा के सभापति उम्मीदवार रह चुके हैं. फिलहाल बीके हरिप्रसाद अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव हैं.
जितेंद्र बघेल हरियाणा के सह प्रभारी: बता दें कि दीपक बाबरिया पहले ही अपने इस्तीफे की पेशकश कर चुके थे. ऐसे में राहुल गांधी के नजदीकी जितेंद्र बघेल को हरियाणा का सह प्रभारी नियुक्त किया गया. बघेल ने हरियाणा के मामलों को समझकर रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी थी.
उदयभान और दीपक बाबरिया के बीच विवाद: हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने दावा किया गया था कि हरियाणा चुनाव में ईवीएम को हैक किया गया है. उन्होंने 18 विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम से छेड़छाड़ का दावा किया. उदयभान ने दावा था कि दीपक बाबरिया को नतीजों के दिन 8 अक्टूबर को फोन पर एक मैसेज मिला था. जिसमें नतीजों की सटीक भविष्यवाणी की गई थी.
ईवीएम पर उठाए थे सवाल: उदयभान के मुताबिक दीपक बाबरिया के पास नतीजों की घोषणा से पहले किसी ने मैसेज किए थे. जिसमें बताया गया था कि 18 सीटों की ईवीएम हैक कर बीजेपी चुनाव जीतेगी. उदयभान के मुताबिक तीन मैसेज बाबरिया को मिले थे. बाबरिया की तबियत खराब थी. इसलिए वो उस दिन मैसेज नहीं देख पाए. अगर बाबरिया को मिले मैसेज हमें आठ अक्टूबर को सुबह मिल जाते, तो हम नतीजों के पहले साजिश का खुलासा कर सकते थे.
एक दूसरे पर लगाए आरोप: दीपक बाबरिया ने दिल्ली में सात दिसंबर को पार्टी की बैठक के बाद बयान दिया था कि अगर सब उन्हें हार के लिए दोषी मानते हैं, तो इसकी वो जिम्मेदारी लेते हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि दस से पंद्रह सीटों पर टिकट का वितरण सही नहीं हुआ. जिसकी वजह से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. ईवीएम से छेड़छाड़ और मैसेज के सवाल पर पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया के ने कहा था "मैंने तुरंत मैसेज प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया था, उन्होंने उसे गंभीरता से नहीं लिया."