नई दिल्ली: महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं से राहुल गांधी ने 14 अक्टूबर को चुनाव तैयारियों की समीक्षा के दौरान साफ तौर पर कहा कि विधानसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ें. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि, महाराष्ट्र चुनाव में महा विकास अघाड़ी के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा पेश न किया जाए.
कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने यह चेतावनी तब दी जब ऐसी खबरें आईं कि हरियाणा इकाई में अंदरूनी कलह, मुख्य रूप से वर्चस्व की लड़ाई और बीएस हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणधीर सुरजेवाला जैसे वरिष्ठ नेताओं की मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षाओं ने कांग्रेस के चुनाव हारने में अहम भूमिका निभाई. जबकि सभी अनुमान कांग्रेस पार्टी के पक्ष में थे. हरियाणा की तरह, महाराष्ट्र इकाई के नेताओं की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं भी आलाकमान के लिए चिंता का विषय रही हैं, जो पश्चिमी राज्य को जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है.
महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीएम संदीप ने ईटीवी भारत को बताया कि, राहुल गांधी हमेशा पार्टी को हमेशा याद दिलाते हैं कि, हमें भाजपा और उसके सहयोगियों के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट होना चाहिए. महाराष्ट्र में लड़ाई बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने अवैध तरीकों से हमारी सरकार चुराई थी. राज्य के सभी नेता एकजुट होंगे.
उन्होंने आगे कहा कि, "मुख्यमंत्री पद के चेहरे का फैसला चुनाव के बाद किया जाएगा. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनावों से जुड़े सभी अहम फैसले लेने वाले राहुल महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों की भी निगरानी कर रहे हैं. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में 16 अक्टूबर को एनसी-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आने वाला है. इसके अलावा, लोकसभा में विपक्ष के नेता जल्द ही दोनों राज्यों का दौरा करेंगे और कांग्रेस की गारंटी को लॉन्च करेंगे. यह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की विफलताओं के अलावा चुनाव अभियान का एक प्रमुख फोकस होगा.