नई दिल्ली :कांग्रेस ने पार्टी पर बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए पूर्व नेता संजय निरुपम की आलोचना की. साथ ही कहा कि उनके जाने से मुंबई में कोई असर नहीं पड़ेगा.
मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख और पूर्व सांसद निरुपम ने कहा कि बुधवार को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा सौंपने के तुरंत बाद सबसे पुरानी पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया. गुरुवार को निरुपम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में विचारधारा की कमी है और एआईसीसी स्तर पर पांच शक्ति केंद्रों के कारण पार्टी में निर्णय लेने में दिक्कत आ रही है.
एआईसीसी के महाराष्ट्र प्रभारी सचिव आशीष दुआ ने कहा, 'वह सिर्फ अपने नए राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. आलाकमान कई हफ्तों से उनके बयानों और गतिविधियों पर नजर रख रहा था और आखिरकार कल रात यह फैसला लिया. उनके जाने से मुंबई में पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.'
उन्होंने कहा कि 'हाल ही में कांग्रेस छोड़ने वाले सभी लोग इसी तरह के आरोप लगा रहे हैं. जब तक उन्हें पार्टी में लाभ मिल रहा था तब तक वे चुप थे लेकिन अब पार्टी की विचारधारा में खोट ढूंढ रहे हैं.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, निरुपम नाराज थे क्योंकि वह मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से टिकट चाह रहे थे, जो सीट-बंटवारे के तहत कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना यूबीटी को मिल गई है. 2019 में निरुपम ने कांग्रेस के टिकट पर उसी सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन संयुक्त शिवसेना के गजानन कीर्तिकर से हार गए थे.
इस बार शिवसेना यूबीटी ने मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर को अपना उम्मीदवार बनाया है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'निरुपम नाराज हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि हम उस सीट के लिए नहीं लड़े लेकिन गठबंधन में लेन-देन होता रहता है.'