कानपुर : पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन ने दंगों का रूप ले लिया. कई हिंदू परिवारों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा. कई मंदिर आगजनी की भेंट चढ़ गए. इन सबके बीच 5 अगस्त को वहां की पीएम शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने देश भी छोड़ दिया. वहां के दंगों के कारण यूपी के सैकड़ों निर्यातकों के करोड़ों रुपये के आर्डर फंस गए. मुश्किल हालात में निर्यातक वहां किसी से बात तक नहीं कर पा रहे हैं. न तो वहां माल जा पा रहा है, और न ही वहां से से पेमेंट आ पा रहा है. ऐसे में निर्यातकों को अगले माह होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो से काफी उम्मीदे हैं.
बांग्लादेश में चावल, लेदर उत्पाद, इंजीनियरिंग गुड्स, कृषि उत्पाद समेत करीब 140 से ज्यादा आइटम यूपी से भेजे जाते हैं. यहां से करीब 2500 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार होता है. दंगों के कारण सूबे के निर्यातकों के करीब 2000 करोड़ से ज्यादा फंस गए हैं. अकेले कानपुर के ही 400 से 500 करोड़ से ज्यादा का ऑर्डर प्रभावित हुआ है. इससे निर्यातकों की स्थिति चिंताजनक है. हालात कब तक पूरी तरह सामान्य होंगे. इसे लेकर कोई संभावना भी नहीं जताई जा रही है. इस मुश्किल हालात में निर्याकतों की निगाहें अब वियतनाम पर हैं.
वियतनाम के कारोबारी मुश्किलों को करेंगे आसान :साल 2023 में पहली बार आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में वियतनाम के निर्यातकों ने बतौर प्रतिभागी हिस्सा लिया था. वहीं, इस साल वियतनाम के निर्यातक व कारोबारी यूपी के कंट्री पार्टनर के तौर पर इस शो में शामिल होंगे. इससे यूपी के कारोबारियों व निर्यातकों को वियतनाम के कारोबारियों संग जुड़ने व उनके साथ बिजनेस करने का मौका मिल सकेगा. उद्योग जगत के विशेषज्ञों का मानना है कि इससे यूपी के निर्यातकों की मुश्किलें काफी हद तक कम होंगी. यूपी से कई उत्पाद वियतनाम में भेजे जाते हैं.