छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / bharat

बच्चों को मिड डे मील में खिचड़ी खिलाने वाले प्रधान पाठक और संकुल समन्वयक निलंबित, कलेक्टर का एक्शन - mid day meal in Balrampur

छत्तीसगढ़ में बच्चों के आहार से खिलवाड़ किया जा रहा है. बलरामपुर में मिड डे मील के नाम पर बच्चों को जानवरों जैसा भोजन परोसा जा रहा है. मामले की जानकारी के बाद कलेक्टर ने कार्रवाई की है. कलेक्टर ने प्रधान पाठक और संकुल समन्वयक को निलंबित कर दिया है.

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 7, 2024, 4:56 PM IST

Updated : Jul 7, 2024, 10:53 PM IST

mid day meal
मिड डे मिल (ETV Bharat)

बलरामपुर में मिड डे मिल (ETV Bharat)

बलरामपुर:जिले के बीजाकुरा गांव में मिड डे मील के नाम पर बच्चों के साथ गंदा मजाक किया जा रहा है. यहां बच्चों को मिड डे मील के नाम पर चावल में घटिया किस्म का दाल मिलाकर खिचड़ी के रूप में भरोसा जा रहा है. जबकि हर दिन बच्चों को अलग-अलग मिड डे मील निर्धारित हैं. वहीं, इस बात की जानकारी के बाद बलरामपुर कलेक्टर ने प्रधान पाठक और संकुल समन्वयक को निलंबित कर दिया है.

खबर का हुआ असर:ईटीवी भारत ने भी इस समाचार को प्रमुखता से उठाया था. खबर प्रसारित होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के आदेश दिए. विकासखंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा जांच प्रतिवेदन में बच्चों को मेन्यू चार्ट के मुताबिक मिड-डे-मील नहीं खिलाने की बात सामने आने के बाद कलेक्टर रिमिजियुस एक्का ने तत्काल एक्शन लेते हुए प्रधान पाठक रामधनी सिंह और संकुल समन्वयक राजेन्द्र सिंह पोर्ते को सस्पेंड कर दिया.

प्रधान पाठक और संकुल समन्वयक सस्पेंड:कलेक्टर कार्यालय के तरफ से जारी आदेश में लिखा गया '' प्रधान पाठक रामधनी सिंह और संकुल समन्वयक राजेन्द्र सिंह पोर्ते के द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया गया. छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम का उल्लंघन किया गया है. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले गरीब और मासूम बच्चों के पोषण युक्त भोजन को कुपोषित करने के लिए दोनों को जिम्मेदार ठहराया गया और निलंबित कर दिया गया है.''

बच्चों को परोसा जा रहा जानवरों जैसा भोजन:बलरामपुर जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित है बीजाकुरा गांव. यहां स्थित सरकारी स्कूल में सबसे अधिक विशेष पिछड़ी जनजाति यानी कि पंडो जनजाति के बच्चे पढ़ने के लिए पहुंचते हैं. इस स्कूल में बच्चों को मध्यान्ह भोजन के नाम पर छलावा किया जा रहा है. बीजाकुरा प्राथमिक शाला में मासूम बच्चों को मिलने वाले भोजन पर भी डकैती डालने का प्रयास किया जा रहा है. वैसे तो शिक्षा विभाग और सरकार ने मिड-डे-मील के लिए मेन्यू चार्ट तय कर रखा है, लेकिन मेन्यू के हिसाब से तो बहुत दूर की बात है, यहां बच्चों को सब्जी तक नसीब नहीं हो रहा है. यहां बच्चों को बेस्वाद खिचड़ी परोसा जा रहा है.

यह बात मेरे संज्ञान में आई है. मैं इसकी जांच करा लेता हूं, फिर नियमानुसार कार्रवाई करूंगा. दिन के अनुसार मेन्यू है. कॉमन चावल, दाल, सब्जी, अचार, पापड़ देने का नियम है. अगर इस नियम का पालन नहीं हो रहा है तो नियमानुसार कार्रवाई करूंगा.-डॉ डीएन मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी

जांच के लिए नहीं पहुंचते अधिकारी:स्थानीय लोगों का कहना कि यहां शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अफसर कभी स्कूल में जांच या निरीक्षण के लिए नहीं आते हैं. यही वजह है कि मनमाने तरीके से बच्चों को ऐसा घटिया भोजन मिड डे मील के नाम पर परोसा जा रहा है. यहां समूह के माध्यम से मिड-डे-मील का संचालन किया जाता है.एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को शिक्षा मिल सके इसके लिए प्रशासन खास योजनाएं लाती है. हालांकि इन योजनाओं का जमीनी हकीकत कुछ और ही है. वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

बालोद प्रशासन की नई पहल, मिड डे मील बनाने वाली महिलाएं लगाएंगी नशे पर लगाम
मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में मिड डे मील की थाली से पौष्टिक भोजन गायब
MP Food Scam: बच्चों के 'आहार' से किसका 'पोषण', कागजों में टेक होम राशन लेकर दौड़े ट्रक
Last Updated : Jul 7, 2024, 10:53 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details