मोरन: हाल ही में केंद्र सरकार के साथ हुए शांति समझौते के बाद उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम उर्फ उल्फा (ULFA ) 44 साल बाद भंग हो गया. हालांकि, परेश बरुआ के नेतृत्व वाले दूसरे गुट उल्फा (ULFA-I) (आई) संगठनात्मक आधार को मजबूत करने का अपना प्रयास जारी रखा है. वहीं, सरकार उल्फा (ULFA-I) (आई) कमांडर परेश बरुआ से बातचीत के केंद्र में आने का आग्रह कर रही है. कहा जा रहा है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से मुट्ठी भर युवा प्रतिबंधित समूह में शामिल हो रहे हैं.
उग्रवादी संगठन में शामिल होने जा रहा था युवक, सेना ने यूं धर दबोचा - ULFA I Youth detained - ULFA I YOUTH DETAINED
Assam Youth en route to join ULFA- I detained: नगालैंड में असम राइफल्स ने उल्फा (ULFA-I) (आई) में शामिल होने के आरोप में एक युवक को हिरासत में लिया है. युवक असम का रहने वाला है.
Published : May 4, 2024, 1:53 PM IST
इस बीच असम के गोलाघाट के एक युवक को नगालैंड के मोन जिले में असम राइफल्स ने उस समय हिरासत में ले लिया, जब वह उल्फा में शामिल होने जा रहा था. असम राइफल्स द्वारा गिरफ्तार किए गए युवक की पहचान गोलाघाट मेरापानी के उदयपुर निवासी मुनींद्र दास के रूप में की गई है. युवक को शुक्रवार को असम राइफल्स ने चराइदेव पुलिस को सौंप दिया.
उल्लेखनीय है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा उल्फा (ULFA-I) (आई) प्रमुख परेश बरुआ से बातचीत को लेकर आगे आने का आग्रह किया था. उल्फा (ULFA-I) (आई) मुख्य रूप से ऊपरी असम क्षेत्र में अपने संगठनात्मक काम में तेजी लाने की कोशिश कर रहा है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले उल्फा (ULFA-I) (आई) ने तिनसुकिया जिले में भारतीय सेना के वाहन पर हमला कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की थी. इसके बाद अब उल्फा (ULFA-I) (आई) में शामिल होने गए युवक की गिरफ्तारी से यह साबित हो गया है कि उल्फा (आई) सदस्यता अभियान चला रहा है. अतीत में यह देखा गया है कि ऊपरी असम के कई जिलों से कई युवा उल्फा (ULFA-I) (आई) में शामिल हो गए.