नई दिल्ली/गुवाहाटी: असम की हिमंत बिस्वा सरकार ने राज्य में संयुक्त निवेश के लिए 31 एशियाई-बिम्सटेक, यूरोपीय और अन्य देशों को आमंत्रित किया है. मंगलवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एशियाई-बिम्सटेक, यूरोपीय और अन्य देशों के प्रतिनिधियों से बातचीत की. उन्होंने राज्य में आने और तेल, बिजली, कपड़ा, पर्यटन, कृषि प्रसंस्करण, रेशम आदि के क्षेत्र में संयुक्त निवेश के लिए करने के लिए प्रोत्साहित किया.
दरअसल, सरमा ने 25 और 26 फरवरी को गुवाहाटी में होने वाले वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक मिशन शुरू किया है. मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि, कंपनियों को असम में अपना आधार स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि, असम सरकार पीएलआई के लिए 25,000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित कर रही है जिसे विभिन्न उद्योगों को पेश किया जाएगा. यहां कई अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के दौरान असम के सीएम ने राज्य में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की.
सरमा ने इस दौरान विदेशी देशों के प्रतिनिधियों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की और उन्हें राज्य में उद्योग स्थापित करने के लिए हर संभव सहायता की पेशकश की. म्यांमार के साथ, असम सरकार ने मोरेह-तामू और अन्य सीमा व्यापार बिंदुओं के माध्यम से सीमा व्यापार का विस्तार करने पर चर्चा की, ताकि अधिक वस्तुओं, विशेष रूप से असम की चाय, कृषि-उत्पादों और हथकरघा वस्तुओं को शामिल किया जा सके.
एक अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया, "भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग पर सहयोग की संभावना तलाशना और माल के निर्बाध परिवहन के लिए म्यांमार से असम की कनेक्टिविटी बढ़ाने पर चर्चा हुई. साथ ही बौद्ध सर्किट पर्यटन को संयुक्त रूप से बढ़ावा देने, म्यांमार के स्थलों को असम के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थलों जैसे सुआलकुची और कामाख्या मंदिर से जोड़ने पर बातचीत हुई.
अधिकारी के अनुसार, स्थिरता और हरित प्रौद्योगिकियों में सिंगापुर के नेतृत्व को देखते हुए, असम रिन्यूएबल एनर्जी, हरित हाइड्रोजन और टिकाऊ कृषि से संबंधित परियोजनाओं पर सहयोग कर सकता है. अपनी समृद्ध जैव विविधता के साथ असम पर्यावरण संरक्षण और इको-टूरिज्म पहलों पर सिंगापुर के साथ साझेदारी कर सकता है.