गुवाहाटी: असम सरकार ने राज्य कर्मचारियों को उनके माता-पिता को समय देने के लिए विशेष अवकाश अलॉट किया है. राज्य सरकार ने 2021 से शुरू की गई इस विशेष पैतृक छुट्टी की व्यवस्था इस साल भी की है. 'मातृ-पितृ वंदना' नामक इस योजना के माध्यम से राज्य कर्मचारियों को स्पेशल कैजुअल लीव मिलता रहा है.
इस विशेष अवकाश की व्यवस्था इस साल भी राज्य सरकार ने की है. इस साल राज्य सरकार ने राज्य कर्मचारियों को 6 और 8 नवंबर को विशेष स्पेशल कैजुअल लीव दी है. इस संबंध में राज्य सरकार के संयुक्त सचिव ने सभी सरकारी विभागों के संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा है.
पत्र में सरकार के विशेष अवकाश आदेश का जिक्र है. आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए 'मातृ-पितृ वंदना योजना' के तहत चालू वर्ष के लिए दो दिवसीय विशेष कैजुअल लीव घोषित करें.
नवंबर में मिलेगी छुट्टी
इसके अनुसार 6 नवंबर और 8 नवंबर को यह विशेष अवकाश की व्यवस्था की गई है. इन दो दिनों की छुट्टी के साथ ही उन्हें 7 नवंबर को छठ पूजा की छुट्टी भी मिलेगी. इसके अलावा 9 नवंबर को दूसरा शनिवार और 10 नवंबर को रविवार की छुट्टी होगी. इस तरह कर्मचारी अपने माता-पिता और परिवार के साथ बिताने के लिए पांच दिन का समय ले सकेंगे.
सरकारी कर्मचारियों के लिए लगातार 5 दिन की छुट्टी
गौरतलब है कि इन दो दिनों की विशेष छुट्टियों के अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस साल तीन सामान्य छुट्टियां मिलेंगी. दो विशेष छुट्टियों के बाद तीसरी छुट्टी 7 नवंबर को छठ पूजा के कारण होगी. इसके बाद 9 नवंबर को दूसरा शनिवार और 10 नवंबर को रविवार है. ऐसे में कर्मचारियों कुल छुट्टी 5 दिन की छुट्टी मिलेगी. मातृ-पितृ वंदना योजना का लाभ लेने वाले कर्मचारियों को सीधे पांच दिनों की छुट्टी का लाभ मिलेगा.
कहां करें आवेदन:
विशेष अवकाश के आवेदन के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया गया है. जो कर्मचारी अपने माता-पिता की देखभाल के लिए स्पेशल कैजुअल लीव लेना चाहते हैं, उन्हें https://matripitrivandana.assam.gov.in पोर्टल पर आवेदन करना होगा.
2021 में हुई थी योजना की शुरुआत
गौरतलब है कि हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने एक नई योजना शुरू की थी, ताकि सरकारी कर्मचारी साल में दो दिन अपने माता-पिता या ससुराल वालों के साथ बिता सकें. यह निर्णय कैबिनेट ने 2021 में लिया था. इस योजना का उद्देश्य माता-पिता और ससुराल वालों के प्रति पूर्ण निकटता के साथ साहचर्य, देखभाल, प्रेम और सम्मान प्रदर्शित करना है.
आवश्यक सेवाओं में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से इस विशेष अवकाश का लाभ मिलेगा. माता-पिता और ससुराल वालों के निधन की स्थिति में यह अवकाश सुविधा लागू नहीं होगी. आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि अधिकारी और कर्मचारी अपने माता-पिता और ससुराल वालों के साथ समय बिताने के बजाय निजी अवकाश या किसी अन्य काम के लिए इस विशेष अवकाश का लाभ न लें.
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