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असम की नजमा ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में बनाई जगह, कटहल के पत्तों पर 28 राज्यों का बनाया नक्शा - Assam Girl Makes Records

Assam Girl In India Books of Records: असम की रहने वाली नूर नजमा बेगम ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2024 में अपना स्थान दर्ज करवा कर नाम रोशन किया है. नजमा ने कटहल के पत्तों पर भारत के 28 राज्यों के नक्शे बनाकर यह रिकॉर्ड बनाया, वहा रॉयल ग्लोबल यूनिवर्सिटी से पोस्टग्रेजुशन कर रही हैं.

Assam Girl makes it to India Books of records by drawing maps on Jackfruit leaves.
असम की लड़की ने कटहल के पत्तों पर नक्शा बनाकर इंडिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया.

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 10, 2024, 12:19 PM IST

नलबाड़ी: असम की रहने वाली लड़की ने उल्लेखनाय उपलब्धि हासिल की है. नलबाड़ी की नूर नजमा बेगम ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवा कर राष्ट्रीय स्तर पर चमकी. नजमा ने ये साबित कर दिया कि यदि आपमें प्रतिभा है तो सब कुछ संभव है.

लड़कियां अलग-अलग समय में, अलग-अलग क्षेत्रों में अनेक प्रतिभाएं अपने असाधारण कौशल से असम के लोगों को गौरवान्वित करती रही हैं. इस बार अपनी प्रतिभा और एकाग्रता के दम पर नलबाड़ी के अल्हाज हाफिज अब्दुर रशीद और बेनू बेगम की बेटी नूर नजमा बेगम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2024 में अपना नाम दर्ज कराने में कामयाब रही हैं.

रॉयल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की पोस्टग्रेजुएट छात्रा नूर नजमा बेगम ने कटहल के पत्तों पर भारत के 28 राज्यों के नक्शे बनाकर यह रिकॉर्ड बनाया. इस काम को 23 मिनट 30 सेकेंड में पूरा कर नजमा मशहूर हो गईं. नजमा ने इस प्रक्रिया में असम, मणिपुर, नागालैंड, केरल, तमिलनाडु, उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित 28 राज्यों को शामिल किया.

परिवार, रिश्तेदार और शुभचिंतक इस बात से खुश हैं कि वनस्पति विज्ञान की पोस्टग्रेजुएट छात्रा ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है. लॉकडाउन के दौरान कटहल के पेड़ की पत्तियों पर पेंटिंग शुरू करने वाली नजमा को शुरुआत में 28 राज्यों के नक्शे बनाने में पांच घंटे लगे. बाद में छात्र ने 23 मिनट और 30 सेकंड में कार्य पूरा किया और इस वर्ष 4 मार्च को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स प्राधिकरण को एक वीडियो प्रस्तुत किया.

नूर नजमा बेगम को उनके असाधारण काम के लिए 11 मार्च को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा मान्यता दी गई थी. 2 अप्रैल को, नूर नजमा को औपचारिक रूप से मान्यता दी गई और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा प्रमाण पत्र सौंपा गया. नजमा के परिवार, रिश्तेदारों के साथ-साथ इलाके के लोग भी खुश हैं कि छात्रा ने क्षेत्र के साथ-साथ जिले का भी नाम रोशन किया है.

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