गुवाहाटी:असम में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, राज्य के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. बुधवार को राज्य में बाढ़ के कारण 8 लोगों की जान चली गई, क्योंकि बाढ़ ने इंसानों के साथ-साथ मवेशियों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. मोरिगांव, दरांग, गोलाघाट, बिश्वनाथ, तिनसुकिया और डिब्रूगढ़ में एक-एक और सोनितपुर में दो लोगों सहित कुल आठ लोगों की बुधवार को बाढ़ के कारण जान चली गई. इस साल बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है. वहीं, सोनितपुर, शिवसागर और गोलाघाट में कुल तीन लोग अभी भी लापता हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 29 जिलों के 105 राजस्व सर्किलों के अंतर्गत 2,800 गांव वर्तमान में जलमग्न हैं. बाढ़ के कारण 16 लाख 25 हजार 89 लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं, 39,451 हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ में डूबी हुई है. बुधवार को बाढ़ के कारण आठ और लोगों की मौत हो गई. मौजूदा बाढ़ में मरने वालों की संख्या 46 हो गई है. फिलहाल, राज्य में 181 आश्रय शिविरों में 25,744 बाढ़ पीड़ित और 334 राहत केंद्रों में 3,61,206 बाढ़ पीड़ित शरण लिए हुए हैं.
यानी कुल 3.87 लाख बाढ़ पीड़ित आश्रय स्थलों और राहत केंद्रों में शरण लिए हुए हैं. प्रमुख नदियां और सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार राज्य की कई नदियां और सहायक नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. ब्रह्मपुत्र नदी धुबरी में खतरे के निशान से 1.09 मीटर ऊपर, गोलपारा में 0.45 मीटर, जोरहाट के निमाटीघाट में 0.34 मीटर, गुवाहाटी के डीसी कोर्ट में 1.13 मीटर और तेजपुर में खतरे के निशान से 0.83 मीटर ऊपर बह रही है.
धुबरी, ग्वालपाड़ा और गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है, हालांकि तेजपुर और जोरहाट में जलस्तर में कमी आने की संभावना है. बराक नदी करीमगंज के बरपुरघाट और कछार के अन्नपूर्णाघाट में खतरे के निशान से क्रमशः 0.87 मीटर और 0.54 मीटर ऊपर बह रही है. दोनों स्थानों पर बराक का जलस्तर बढ़ने की संभावना है. हैलाकांडी के मतिजुली में कटाखल नदी और घारमुरा में धालेश्वरी नदी क्रमशः खतरे के निशान से 2.14 मीटर और 4.38 मीटर ऊपर बह रही हैं.