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श्रीकृष्ण जन्मभूमि-जामा मस्जिद विवाद: एएसआई ने दाखिल किया अपना जवाब, अगली सुनवाई 31 जुलाई को - AGRA NEWS - AGRA NEWS

श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही जामा मस्जिद केस की सुनवाई आगरा कोर्ट में हुई है. इस दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अपना जवाब दाखिल किया.

शाही जामा मस्जिद.
शाही जामा मस्जिद. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 16, 2024, 4:40 PM IST

आगरा:आगरा के दीवानी स्थित लघुवाद न्यायालय में मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही जामा मस्जिद वाद की सुनवाई हुई. जिसमें प्रतिवादी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने कोर्ट में अपना ऑब्जेक्शन दाखिल किया. इंतजामिया कमिटी ने भी अपना जवाब दाखिल कर दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी. वर्तमान में प्रभु श्रीकृष्ण विग्रह के दो वाद माननीय न्यायाधीश मृत्युंजय कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय में विचाराधीन है.


दरअसल, न्यायालय सिविल जज (प्रवर खण्ड) में आगरा जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह निकालने का मामला चल रहा है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने अदालत में दायर वाद करके जामा मस्जिद का एएसआई तकनीकी विशेषज्ञों की टीम से सर्वे कराने की मांग की है. जबकि, इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद एवं उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने जामा मस्जिद के मामले की सुनवाई को अदालत के क्षेत्राधिकार से बाहर बताने की याचिका खारिज हो चुकी है.




सुनवाई के लिए मिली अगली तारीख
अधिवक्ता विनोद कुमार शुक्ला ने बताया कि जामा मस्जिद की सीढ़ियों का जीपीआर GPR सर्वे का प्रार्थना पत्र अभी विचाराधीन है. शुक्रवार को सुनवाई में विपक्षी उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड भी उपस्थित रहा. विपक्षी आर्केलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया एएसआई ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है. एएसआई ने पिछली 16 जुलाई की तारीख को समय मांगा था.


कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर का ये दावा
मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर का दावा है कि मुगल शासक औरंगजेब ने 1670 में मथुरा कृष्ण जन्मभूमि से भगवान केशवदेव के विग्रह आगरा की जामा मस्जिद (जहांआरा बेगम मस्जिद) की सीढ़ियों के नीचे दबा दिए. इसलिए, अदालत पहले जामा मस्जिद की सीढ़ियों से लोगों का आवागमन बंद कराकर जमा मस्जिद की सीढ़ियों का एएसआई सर्वे कराए. इसके बाद वहां से भगवान् श्रीकृष्ण की मूर्तियों को निकाले. कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने आगरा में सनातन जागृति सम्मलेन के जरिए सनातनी एकजुट करके बड़े आंदोलन की सनातनियों से अपील की थी. तब उन्होनें कहा था कि, मैं जब तक जामा मस्जिद से मेरे आराध्य को आगरा से ले जाऊंगा. तब तक मेरा संघर्ष जारी रहेगा. श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट के अधिवक्ता विनोद शुक्ला का कहना है कि हमने पहले ही कोर्ट से मांग की है कि जामा मस्जिद का सच सबके सामने लाने के लिए ASI सर्वे कराया जाना चाहिए. एएसआई की सर्वे रिपोर्ट से विवाद खत्म किया जा सकता है. क्योंकि, सर्वे रिपोर्ट से हकीकत सामने आएगी.

शाहजहां की सबसे प्रिय बेटी ने बनवाई थी जामा मस्जिद
वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि, मुगल शहंशाह शाहजहां की 14 संतानें थीं. जिसमें मेहरून्निसा बेगम, जहांआरा, दारा शिकोह, शाह शूजा, रोशनआरा, औरंगजेब, उमेदबक्श,. सुरैया बानो बेगम, मुराद लुतफुल्ला, दौलत आफजा और गौहरा बेगम शामिल थे. एक बच्चा और 1 बच्चे पैदा होते ही मर गए थे. शाहजहां की सबसे प्रिय बेटी जहांआरा थी. उसने अपने वजीफे की रकम पांच लाख रुपये से सन् 1643 से 1648 के बीच जामा मस्जिद का निर्माण कराया था. 16 वीं शताब्दी के सातवें दशक में मुगल बादशाह औरंगजेब ने मथुरा के केशवदेव मंदिर को ध्वस्त किया था. केशवदेव मंदिर की मूर्तियों के साथ ही तमाम पुरावशेष आगरा लेकर आया था. उसने मूर्तियों और पुरावशेष को जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाया था. यह तमाम इतिहासकारों ने अपनी पुस्तकों में लिखा है.

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