तेजपुर: अरुणाचल प्रदेश पुलिस के कांस्टेबल रौशन उपाध्याय चर्चा में हैं. प्रकृति प्रेमी रौशन अपना खाली समय अलग-अलग तितलियों की तलाश में बिताते हैं. वह हमेशा एक हाथ में हथियार और दूसरे हाथ में डीएसएलआर कैमरा थामे रहते हैं. उन्हें तितलियों के साथ समय बिताना बहुत पसंद है. रौशन को कैमरे में तितलियों की तस्वीरें कैद करने की अजीब लत है. उन्हें तितलियों का दोस्त कहा जाता है.
रौशन ने 2012 में हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास की और पुलिस कांस्टेबल की नौकरी ज्वाइन की. बाद में उन्होंने नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई भी जारी रखी. रौशन उपाध्याय लंबे समय से नौकरी के साथ-साथ तितलियों की तलाश में भागते रहते हैं और तितलियों की विभिन्न प्रजातियों पर शोध और तस्वीरें जुटाते रहते हैं.
अरुणाचल प्रदेश के प्रकृति प्रेमी कांस्टेबल रौशन उपाध्याय (ETV Bharat) वर्ष 2016 में उनका अपेंडिक्स फट गया था और उस समय वे मानसिक रूप से टूट चुके थे. इसके बाद वे जंगल में गए और तितलियों से संपर्क बनाया. यहीं से उनका सफर शुरू हुआ और तितलियां उनकी साथी बन गईं. रौशन उपाध्याय अपने कैमरे में 140 प्रजातियों की तितलियों की तस्वीरें कैद कर चुके हैं और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी अपना नाम दर्ज करा चुके हैं.
अरुणाचल प्रदेश के प्रकृति प्रेमी कांस्टेबल रौशन उपाध्याय (ETV Bharat) रौशन के पिता वेशराज उपाध्याय अपनी नेपाली टोपी और कोट में तितली का बैज लगाते थे. इससे रौशन का खास तौर पर तितलियों के प्रति लगाव बढ़ा. रोशन कैमरे में तितलियों की तस्वीरें कैद करने के साथ ही उस पर शोध भी करते हैं. कीट विज्ञान पर उनके 15 से अधिक शोध पत्र छप चुके हैं. उन्होंने यह शोध पत्र आईआईटी गुवाहाटी, कॉटन यूनिवर्सिटी, गुवाहाटी यूनिवर्सिटी, मेघालय और केरल में प्रकाशित कराया है. इस दौरान उन्होंने तितलियों की 3 नई प्रजातियों की खोज की. इनमें से एक दुर्लभ प्रजाति ड्रैगनफ्लाई तितली है.
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (ETV Bharat) पूर्वोत्तर के जंगलों में तितलियों की करीब 700 प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें से अरुणाचल प्रदेश में विशेषकर हिमालय के आस-पास के इलाकों में 600 से ज्यादा तितलियां पाई जाती हैं.
एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (ETV Bharat) रौशन उपाध्याय को अब तक इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और पुलिस कमेंडेज अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. रौशन अरुणाचल प्रदेश के लिए राज्य अवॉर्ड भी जीत चुके हैं. वे यूनिवर्सिटी के छात्रों को तितलियों के बारे में जानकारी देते हैं.
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