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लोकसभा में सीतारमण ने अधीर रंजन को दिया जवाब, बोलीं- आरोप राजनीति से प्रेरित - सीतारमण अधीर रंजन को दिया जवाब

Sitharaman replied to Adhir Ranjan: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के द्वारा उनपर राज्यों के जीएसटी बकाया को लेकर लगाए गए आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि उनका बयान राजनीति से प्रेरित है.

Sitharaman replied to Adhir Ranjan
सीतारमण ने अधीर रंजन को दिया जवाब

By ANI

Published : Feb 5, 2024, 2:17 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि गैर-भाजपा राज्यों को उनके वैध कर और जीएसटी बकाया से वंचित किया जा रहा है. सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में उन आरोपों को राजनीतिक से प्रेरित करार दिया. उन्होंने कहा कि कुछ निहित स्वार्थी समूहों द्वारा प्रचारित किया जा रहा है.

निचले सदन में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि देश भर में आम धारणा है कि गैर-भाजपा राज्यों को उनके वैध बकाये से वंचित किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसका ताजा उदाहरण कांग्रेस शासित कर्नाटक है. सीतारमण ने इस पर जवाब दिया,'बिल्कुल नहीं, मेरी कोई भूमिका नहीं है, मुझे नियमों का 100 प्रतिशत पालन करना होगा, और मैंने यही किया है.' उन्होंने वित्त आयोग द्वारा राज्यों को करों के हस्तांतरण का निर्णय लेने की प्रक्रिया के बारे में बताया.

सीतारमण ने कहा,'वित्त आयोग सिफारिशें देता है जिन्हें मुझे लागू करना होता है, यह बिना किसी डर या पक्षपात या ऐसी किसी बात के किया जाता है. इसलिए यह आशंका कि कुछ राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है, एक राजनीतिक रूप से विकृत कथा है, जिसे कहते हुए मुझे खेद है, निहित स्वार्थी लोग इसे कहने में खुशी महसूस करते हैं.'

उन्होंने कहा,'ऐसी कोई संभावना नहीं है कि कोई भी वित्त मंत्री हस्तक्षेप कर सकता है. 'मुझे यह राज्य पसंद नहीं है कि भुगतान रोकें. वित्त आयोग द्वारा दी गई सिफारिशों के अनुसार प्रत्यक्ष कर मामलों में राज्यों को हस्तांतरण होता है.' इस बीच कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया 7 फरवरी को दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे.

कर्नाटक के सीएम ने कहा,'यह विरोध इस बात को लेकर है कि केंद्र द्वारा राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है. यह राजनीतिक विरोध नहीं है. यह राज्य में सूखा पड़ने पर भी केंद्र सरकार के सौतेलेपन का विरोध है. इसलिए हमने 7 फरवरी को जंतर-मंतर पर इस विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.' सिद्धारमैया ने कहा,'इस साल बजट का आकार बढ़ा है, हालांकि हमें 50 फीसदी से कम दिया गया है. हमारे हस्तांतरण और अनुदान में कटौती कर दी गई है. वे उपकर और अधिभार बढ़ा रहे हैं. लोगों को हिस्सा नहीं देते हैं. इसलिए हम इसे वित्त आयोग के समक्ष मजबूती से लड़ेंगे.'

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