नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा के बीच कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे भी संगठन में एआईसीसी और राज्य स्तर पर फेरबदल करने की योजना बना रहे हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित बदलाव राष्ट्रीय चुनावों के नतीजों को ध्यान में रखते हुए पार्टी में नए लोगों को अहम भूमिका देने और पार्टी को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में मदद करेंगे.
एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी सभी लोकसभा सीटों से डेटा एकत्र कर रही है. लाभ और हानि दोनों को समझने के लिए परिणामों का विश्लेषण आवश्यक है. हमें उन कारकों को समझने की आवश्यकता है जो हमारे लिए काम करते हैं और जो हार का कारण बनते हैं. समीक्षा के बाद कुछ संगठनात्मक बदलाव हो सकते हैं.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि बदलाव के तहत पश्चिम बंगाल, बिहार, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना तथा कर्नाटक जैसे राज्यों को नए पीसीसी प्रमुख मिल सकते हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, खड़गे ने पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, जिन्होंने कुछ दिन पहले ही इस्तीफा दिया था. चौधरी, जो पिछली लोकसभा में कांग्रेस के नेता थे, लेकिन अपनी पारंपरिक सीट बहरामपुर सीट से टीएमसी के यूसुफ पठान से हार गए. इतना ही नहीं कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में कोई भी संसदीय सीट नहीं जीत सकी, जबकि राज्य से 42 संसद सदस्य चुने जाते हैं. बिहार में, जहां 40 लोकसभा सीटें हैं, यहां कांग्रेस-आरजेडी-वाम गठबंधन बीजेपी-जेडी-यू-एलजेपीआरवी गठबंधन के मजबूत गठबंधन का मुकाबला करने में विफल रहा.
नतीजतन,आरजेडी सिर्फ 4 सीटें जीत सकी, जबकि कांग्रेस को 3 और सीपीआई-एमएल को 2 सीटें मिलीं. पार्टी के अंदरूनी सूत्र इस नतीजे के लिए कमजोर प्रचार और कांग्रेस द्वारा टिकटों के गलत वितरण को जिम्मेदार मानते हैं, जिसने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था. हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में होने के बावजूद नतीजे अच्छे नहीं रहे.
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने सभी 4 लोकसभा सीटें खो दीं, तेलंगाना में कुल 17 सीटों में से केवल 8 सीटें जीत सकी और कर्नाटक में 28 में से केवल 9 सीटें ही जीत सकी. इसके अनुसार हिमाचल प्रदेश इकाई प्रमुख प्रतिभा सिंह को बदला जा सकता है जबकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को राज्य इकाई प्रमुख का पद छोड़ना पड़ सकता है.