चेन्नई :तमिलनाडु विधानसभा में कार्यवाही के दौरान बाधा डालने को पर नेता प्रतिपक्ष के पलानीस्वामी समेत अन्नाद्रमुक के विधायकों को बुधवार को सत्र की शेष अवधि के लिए सस्पेंड कर दिया गया. बता दें कि मंगलवार को एक दिन के निलंबन के बाद काली शर्ट पहनकर विधानसभा में आए विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने कल्लाकुरिची शराब मामले को फिर उठाने की कोशिश की. उन्होंने मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन की मांग की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावु ने कहा कि वह इस पर गौर नहीं करेंगे.
इसको लेकर अन्नाद्रमुक के विधायकों ने इस अहम मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराने पर जोर दिया, साथ ही हंगामा करने लगे. इसी दौरान कुछ सदस्य अपने स्थान से उठकर अध्यक्ष के आसन के पास आ गए. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें अपनी सीट पर वापस जाने के लिए कहा लेकिन अध्यक्ष की बातों पर सदस्यों ने ध्यान नहीं दिया. फसस्वरूप अध्यक्ष ने उनके निष्कासन का आदेश दिया.
वहीं बाद में सदन ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर अन्नाद्रमुक के विधायकों को 29 जून तक के लिए सदन की कार्यवाही में भाग लेने पर रोक लगा दी.इस अवसर पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि हालांकि सदन कल्लाकुरिची शराब त्रासदी पर चर्चा करने के लिए तैयार था, लेकिन पलानीस्वामी चर्चा करने के लिए तैयार नहीं थे. स्टालिन ने कहा कि ऐसा लगता है कि वह सदन छोड़कर बाहर मीडिया को संबोधित करने में रुचि रखते हैं. वहीं विधानसभा भवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए, पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि मुख्य विपक्ष को कल्लाकुरिची में नकली शराब पीने से हुई मौतों को उठाने से रोकने के लिए जानबूझकर प्रयास किया गया.
पूर्व सीएम ने कहा कि हम पिछले पांच दिनों से इस मुद्दे को उठाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पलानीस्वामी ने कहा कि पहले कहा कि नियमों के अनुसार अनुमति दी जाएगी, लेकिन जब हमने नियमों के अनुसार काम किया तो उन्होंने अनुमति नहीं दी. उन्होंने आश्चर्य जताया कि क्या विधानसभा में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के लिए अलग-अलग नियम हो सकते हैं.
ये भी पढ़ें - तमिलनाडु: अवैध शराब त्रासदी मामले पर विधानसभा में हंगामा, AIADMK विधायक एक दिन के लिए सस्पेंड