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भारत ने मालदीव के लिए दिखाई दरियादिली, 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को बढ़ाया आगे - India financial support to Maldives

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By ANI

Published : 2 hours ago

India financial support to Maldive: मालदीव के साथ कुछ समय से भारत के रिश्ते सही नहीं चल रहे थे. राष्ट्रपति मुइज्जु लगातार भारत विरोधी बयान देते आए हैं. इन सबके बीच भारत ने बड़ा कदम उठाया है. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर..

INDIA FINANCIAL SUPPORT TO MALDIVES
भारत ने मालदीव के लिए दिखाई दरियादिली (Social Media S handle (@DrSJaishankar))

माले: मालदीव में भारतीय हाई कमीशन ने गुरुवार को बड़ी घोषणा की है. भारत ने मालदीव की मुइज्जु सरकार के अनुरोध करने पर और एक साल के लिए करीब 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. इससे यहां की सरकार को बड़ी मदद मिलेगी. जानकारी के मुताबिक भारत सरकार ने इससे पहले 13 मई को 50 अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को मंजूरी दी थी. यह लगातार दूसरी बार है जब भारत ने मालदीव को आर्थिक सहायता दी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर की मालदीव यात्रा के बाद यह फैसला लिया गया है.

मालदीव में भारतीय उच्चायोग ने बताया कि यहां की सरकार के अनुरोध पर, देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सरकारी ट्रेजरी बिल (टी-बिल) को एक और वर्ष के लिए बढ़ाया है. भारतीय उच्चायोग ने मालदीव को भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी और भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत महत्वपूर्ण साझेदार बताया. भारत ने जरूरत के समय मालदीव की हमेशा सहायता की है और आगे भी करता रहेगा.

भारत के इस ऐलान के बाद मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने भारत को मालदीव का 'समय पर परखा हुआ मित्र' और 'अटूट सहयोगी' बताते हुए भारत के प्रति आभार व्यक्त किया. सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि यह सुनकर खुशी हुई कि भारत ने आपातकालीन वित्तीय सहायता के रूप में मालदीव सरकार द्वारा जारी किए गए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के टी-बिल को एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया है. भारत बार-बार यह साबित करता रहा है कि वह समय की कसौटी पर खरा उतरा मित्र है और इस सरकार के अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन और इसकी संदिग्ध विदेश नीति के बावजूद एक अटूट सहयोगी है. मैं मालदीव के लोगों के प्रति भारत द्वारा दिखाए गए विशेष विचार के लिए धन्यवाद देता हूं. प्रगति और समृद्धि के लिए सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण, सौहार्दपूर्ण संबंध आवश्यक हैं.

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु के पदभार ग्रहण करने के बाद भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. शपथ ग्रहण के कुछ समय बाद ही मुइज्जु ने मालदीव से लगभग 88 भारतीय सैन्य कर्मियों को हटाने की मांग करके द्विपक्षीय तनाव को हवा दे दी थी. राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू द्वारा निर्धारित 10 मई की समय सीमा तक इन कर्मियों को तीन विमानन प्लेटफार्मों से वापस लाया गया और उनकी जगह भारतीय नागरिकों को लाया गया.

बता दें, मालदीव में मुइज्जू की सरकार ने दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आने के बाद सुलह का रुख अपनाया, जिसके परिणामस्वरूप जनवरी में एक कूटनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया, जब मालदीव के तीन उप-मंत्रियों ने लक्षद्वीप की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चित्रों को लेकर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की. भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए मालदीव के राजदूत को तलब किया और वायरल पोस्ट के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया. बाद में, तीन उप मंत्रियों को निलंबित भी कर दिया गया.

पढ़ें: पीएम मोदी पर विवादास्पद टिप्पणी करने वाले मालदीव के मंत्रियों का इस्तीफा, मुइज्जू की भारत यात्रा से पहले उठाया कदम

माले: मालदीव में भारतीय हाई कमीशन ने गुरुवार को बड़ी घोषणा की है. भारत ने मालदीव की मुइज्जु सरकार के अनुरोध करने पर और एक साल के लिए करीब 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. इससे यहां की सरकार को बड़ी मदद मिलेगी. जानकारी के मुताबिक भारत सरकार ने इससे पहले 13 मई को 50 अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को मंजूरी दी थी. यह लगातार दूसरी बार है जब भारत ने मालदीव को आर्थिक सहायता दी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर की मालदीव यात्रा के बाद यह फैसला लिया गया है.

मालदीव में भारतीय उच्चायोग ने बताया कि यहां की सरकार के अनुरोध पर, देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सरकारी ट्रेजरी बिल (टी-बिल) को एक और वर्ष के लिए बढ़ाया है. भारतीय उच्चायोग ने मालदीव को भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी और भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत महत्वपूर्ण साझेदार बताया. भारत ने जरूरत के समय मालदीव की हमेशा सहायता की है और आगे भी करता रहेगा.

भारत के इस ऐलान के बाद मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने भारत को मालदीव का 'समय पर परखा हुआ मित्र' और 'अटूट सहयोगी' बताते हुए भारत के प्रति आभार व्यक्त किया. सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि यह सुनकर खुशी हुई कि भारत ने आपातकालीन वित्तीय सहायता के रूप में मालदीव सरकार द्वारा जारी किए गए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के टी-बिल को एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया है. भारत बार-बार यह साबित करता रहा है कि वह समय की कसौटी पर खरा उतरा मित्र है और इस सरकार के अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन और इसकी संदिग्ध विदेश नीति के बावजूद एक अटूट सहयोगी है. मैं मालदीव के लोगों के प्रति भारत द्वारा दिखाए गए विशेष विचार के लिए धन्यवाद देता हूं. प्रगति और समृद्धि के लिए सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण, सौहार्दपूर्ण संबंध आवश्यक हैं.

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु के पदभार ग्रहण करने के बाद भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. शपथ ग्रहण के कुछ समय बाद ही मुइज्जु ने मालदीव से लगभग 88 भारतीय सैन्य कर्मियों को हटाने की मांग करके द्विपक्षीय तनाव को हवा दे दी थी. राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू द्वारा निर्धारित 10 मई की समय सीमा तक इन कर्मियों को तीन विमानन प्लेटफार्मों से वापस लाया गया और उनकी जगह भारतीय नागरिकों को लाया गया.

बता दें, मालदीव में मुइज्जू की सरकार ने दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आने के बाद सुलह का रुख अपनाया, जिसके परिणामस्वरूप जनवरी में एक कूटनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया, जब मालदीव के तीन उप-मंत्रियों ने लक्षद्वीप की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चित्रों को लेकर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की. भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए मालदीव के राजदूत को तलब किया और वायरल पोस्ट के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया. बाद में, तीन उप मंत्रियों को निलंबित भी कर दिया गया.

पढ़ें: पीएम मोदी पर विवादास्पद टिप्पणी करने वाले मालदीव के मंत्रियों का इस्तीफा, मुइज्जू की भारत यात्रा से पहले उठाया कदम

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