दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

अम्बुबाची मेले के बाद खुले कामाख्या मंदिर के द्वार, नीलाचल पर्वत पर लाखों श्रद्धालु पहुंचे - Kamakhya Temple Gates Opened - KAMAKHYA TEMPLE GATES OPENED

असम में कामाख्या मंदिर का द्वार खोल दिए गए हैं. अम्बुबाची मेले के खत्म होने के बाद 22 जून से 25 जून तक मंदिर के द्वार बंद कर दिए गए थे. जानकारी के अनुसार मंदिर के द्वार खुलने के साथ ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया.

Kamakhya Devi temple doors opened
कामाख्या देवी मंदिर के द्वार खुले (फोटो - ETV Bharat Assam Desk)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 26, 2024, 3:52 PM IST

Updated : Jun 26, 2024, 7:13 PM IST

गुवाहाटी: कामाख्या मंदिर के द्वार बुधवार सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. अम्बुबाची मेले के खत्म होने के बाद मंदिर में माहौल खुशनुमा हो गया है. सुबह देवी की दैनिक पूजा के बाद मंदिर के मुख्य द्वार श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिए गए हैं. 22 जून से 25 जून तक अम्बुबाची के कारण कामाख्या मंदिर के द्वार भक्तों के लिए बंद किए गए थे.

22 जून को सुबह 8.43 बजे अम्बुबाची की प्रवृत्ति होने के बाद से मंदिर के मुख्य द्वार तीन दिनों के लिए बंद थे. मंगलवार रात 9.05 बजे अम्बुबाची की प्रवृत्ति के बाद बुधवार सुबह से कामाख्या मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए. मंदिर के द्वार खुलने के बाद रात से ही भक्त मंदिर में दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े नजर आए.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अंबुबाची शुरू होते ही नीलाचल की वादियों में विभिन्न स्थानों के साधु-संतों का जमावड़ा लग जाता है. अंबुबाची के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों श्रद्धालु कामाख्या मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. मंदिर प्रशासन को बुधवार को 7-8 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.

अम्बुबाची के निष्कर्ष या निवृत्ति से संबंधित विषय
अम्बुबाची के अंत से जुड़े कुछ तथाकथित मुद्दे हैं कि क्या मां कामाख्या के चरणों में चढ़ाया गया सफेद कपड़ा वास्तव में लाल हो जाता है. क्या अम्बुबाची के दौरान ब्रह्मपुत्र का पानी वास्तव में लाल हो जाता है? असली सच्चाई क्या है? कामाख्या देवालय के छोटे पुजारी हिमाद्री शर्मा ने मां के अंगवस्त्रम के सवाल पर जवाब दिया.

उन्होंने कहा कि 'अम्बुबाची के दौरान मां कामाख्या के चरणों में कोई सफेद कपड़ा नहीं रखा जाता है. सफेद कपड़े लाल नहीं होते हैं. अम्बुबाची के दौरान कामाख्या देवी को हमेशा लाल अंगवस्त्रम दिया जाता है. ऐसी बात का कोई सबूत नहीं है.'

शर्मा ने दोहराया कि 'ऐसी बातें बेईमान लोग फैलाते हैं. मां कामाख्या का यह अंगवस्त्रम भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है. लेकिन कुछ लोग इस कपड़े का व्यापार करते हैं. अगर ऐसे लोग पकड़े गए तो उचित कार्रवाई की जाएगी. क्योंकि यह कपड़ा बिक्री के लिए नहीं है.'

Last Updated : Jun 26, 2024, 7:13 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details