नई दिल्ली: 2025 में दुनिया में ‘जनरेशन बीटा’ का आगमन हुआ. भारत को इस पीढ़ी का पहला बच्चा नए साल के दिन 1 जनवरी को मिजोरम के आइजोल में मिला. ऑल इंडिया रेडियो न्यूज के अनुसार फ्रेंकी रेमरूआतदिका जेडेंग नाम के इस बच्चे का जन्म 1 जनवरी को सुबह 12:03 बजे आइजोल के डर्टलैंग के सिनॉड अस्पताल में हुआ, जो बीटा जनरेशन का पहला बच्चा है.
जन्म के समय बच्चे का वजन 3.12 किलोग्राम था और इसने नई पीढ़ी के युग की शुरुआत को चिह्नित किया. अस्पताल के लॉम्ना वार्ड की सिस्टर लालछुआनावमी ने कहा कि बच्चा स्वस्थ है और उसे कोई कॉम्पलीकेशन नहीं है.
आकाशवाणी न्यूज आइजोल के अनुसार फ्रेंकी परिवार का सबसे नया सदस्य है, जिसमें उनकी बड़ी बहन, मां रामजिरमावी और पिता जेडडी रेमरुअत्संगा शामिल हैं. परिवार आइजोल के खटला ईस्ट इलाके में रहता है.मां ने देश को उसका पहला बीटा बच्चा देने पर अपनी खुशी व्यक्त की.
जनरेशन बीटा शब्द कहां से आया?
बता दें कि भविष्यवादी मार्क मैक्रिंडल ने 2025 और 2039 के बीच जन्म लेने वाले शिशुओं को परिभाषित करने के लिए 'बीटा' शब्द गढ़ा है. उन्होंने कहा कि 2035 तक वे वैश्विक आबादी का 16 प्रतिशत हिस्सा बन जाएंगे. अपने ब्लॉग पोस्ट में मैक्रिंडल ने बताया कि वे जनरेशन वाई (मिलेनियल्स) और पुराने जनरेशन जेड के बच्चे होंगे, उन्होंने कहा कि जनरेशन बीटा के कई बच्चे 22वीं सदी तक जीवित रहेंगे.