मुंबई:भारत में अफगानिस्तान की वाणिज्य दूत जकिया वर्दाक ने इस्तीफा दे दिया है. 25 किलो सोने की तस्करी मामले में केस दर्ज होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, पिछले साल मेरे खिलाफ कई व्यक्तिगत आरोप लगाए गए और मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई, इसलिए मैं तंग आकर इस्तीफा दे रही हूं.
अप्रैल के आखिरी सप्ताह में, दुबई से मुंबई हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद जकिया वर्दाक डीआरआई अधिकारियों ने रोक लिया था. जबकि उनकी तलाशी ली गई थी तो उनके पास से 25 किलो सोना बरामद हुआ था. जब अधिकारियों ने जकिया से पूछताछ की तो वह सोने के संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं. इसके बाद सोना जब्त कर लिया गया.
बता दें, अगर तस्करी किए जा रहे सोने की कीमत एक करोड़ से ज्यादा हो तो संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया जाता है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है. इस मामले में जब्त किए गए सोने की कीमत लगभग 18 करोड़ रुपये है, इसलिए ऐसे मामलों में आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान है. लेकिन जकिया एक वाणिज्य दूत है, उनके पास राजनयिक पासपोर्ट है, जो उन्हें गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई से बचाता है इसलिए अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है.
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों ने जकिया और उनके बेटे की मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जांच की थी. जिसमें जकिया द्वारा पहनी गई जैकेट, लेगिंग, घुटने की टोपी, कमर बेल्ट जैसी विभिन्न जगहों पर छिपाया गया 25 किलो सोना जब्त किया गया था. दूसरे देश में काम करते समय राजनयिक सुरक्षा प्राप्त अधिकारियों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती. जकिया वर्दाक को इसका फायदा मिला.