नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम में 14 लोगों की मौत होने के मामले पर राजनीति गरमाई हुई है. मौतों की जिम्मेदारी को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच ठनी हुई है. दरअसल आशा किरण होम के प्रशासक के तौर पर दानिक्स अधिकारी राहुल अग्रवाल की नियुक्ति को लेकर दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आपत्ति उठाते हुए आरोप लगाया था कि दागी अफसर को इतने संवेदनशील पद की जिम्मेदारी दी गई.
इस पर राजनिवास की तरफ से काउंटर भी किया गया था कि प्रशासक की नियुक्ति विभागीय मंत्री के आदेशों पर की जाती है. अब जब आशा किरण होम घटना के बाद उनके नाम पर विवाद छिड़ा है, तो ऐसे में समाज कल्याण विभाग ने सीनियर दानिक्स अधिकारी राहुल अग्रवाल को समाज कल्याण विभाग में और कई अहम जिम्मेदारी दे दी है.
जानिए- अनुदान राशि को लेकर प्रोसीजर
दरअसल, दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से राजधानी में सोशल वेलफेयर एक्टिविटी में लगे गैर सरकारी संगठनों/स्वैच्छिक संगठनों (वीओ) आदि को आर्थिक सहायता यानी अनुदान राशि (Grant-in-Aid) मुहैया करायी जाती है. इसकी पूरी जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग (DWCD) और समाज कल्याण विभाग की वालंटरी एक्शन सेल (VAC) के पास ही होती है. वीएसी को ही गैर सरकारी संगठनों/वीओ (स्वैच्छिक संगठनों) की ओर से अनुदान सहायता (जीआईए) पाने को आग्रह किया जाता है. इन सभी मामलों को संसाधित (processing) करने और सिफारिश करने की जिम्मेदारी वालंटरी एक्शन सेल के पास होती है. इतना ही नहीं इस प्रकोष्ठ के पास ही विभाग के ब्रांचों की तमाम स्कीमों से जुड़े प्रस्तावों को आगे बढ़ाने और अमल में लाने का काम भी किया जाता है.
विवादों में घिरे दानिक्स अधिकारी राहुल अग्रवाल को समाज कल्याण विभाग ने आशा किरण होम मामले में उठे सब आरोप प्रत्यारोपों के बीच और कई अहम जिम्मेदारी सौंपी है. दिलचस्प बात तो यह है कि जिस दिन (2 अगस्त, 2024) दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने राजस्व विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी से इस पूरे मामले की मजिस्ट्रेट इंक्वायरी के आदेश जारी किए थे. उस दिन ही समाज कल्याण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर रिसर्च, ट्रेनिंग एंड एवेल्यूशन ब्रांच (आरटीई) की ओर से एक आदेश जारी किया गया, जिसमें दानिक्स अधिकारी राहुल अग्रवाल को अहम जिम्मेदारी दी गई.
यह है नया आदेश
गत 2 अगस्त को जारी आदेश में 26 जुलाई 2024 के पिछले आदेश के क्रम को जारी रखने की बात भी कही गई है. नए आदेश में कहा गया कि निदेशक, समाज कल्याण विभाग की ओर से मंजूरी दी गई है कि, जिसमें संस्थानों और सेवाओं के पदाधिकारियों की नियमावली में संशोधन के उद्देश्य के लिए तत्काल प्रभाव से स्वैच्छिक कार्य प्रकोष्ठ (Voluntary Actions Cell) के लिए कमेटी गठित की गई. 2 अगस्त को जारी नए आदेश से पहले समाज कल्याण विभाग की निदेशक की स्वीकृति से संस्थानों और सेवाओं के पदाधिकारियों की नियमावली में संशोधन के उद्देश्य के लिए तत्काल प्रभाव से कमेटियों का गठन करने संबंधी आदेश गत 26 जुलाई को जारी किया गया था.
डिप्टी डायरेक्टर (आरटीई) की ओर से 26 जुलाई को जो आदेश जारी किये गए थे. उसमें कुल 9 कमेटियों का गठन करने के ऑर्डर दिए गए थे. इन 9 कमेटियों में से दो कमेटियां ऐसी हैं, जिनका चेयरपर्सन दानिक्स अधिकारी राहुल अग्रवाल को बनाया गया. इन समितियों को अपने गठन के 3 माह के भीतर संस्थानों और सेवाओं के पदाधिकारियों की नियमावली में संशोधन के उद्देश्य के लिए सिफारिशें देनी होंगी, जो कि डिप्टी डायरेक्टर रिसर्च, ट्रेनिंग एंड एवेल्यूशन ब्रांच (आरटीई) को प्रस्तुत की जाएंगी. इसके साथ ही कमेटियों के मैंबर सेक्रेटरी पाक्षिक मीटिंग भी करेंगे. इसके मिनिट्स की एक कॉपी असिस्टेंट डॉयरेक्टर (आरटीई) को भी भेजी जाएगी.
राहुल अग्रवाल को 26 जुलाई को जिन दो कमेटियों का चेयरपर्सन बनाया गया, उनमें एक कमेटी दिव्यांगजनों के कल्याण से जुड़े मामले से जुड़ी है और दूसरी कमेटी प्रोबेशन एंड प्रीजन वेलफेयर सर्विसेज कमेटी है. दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए गठित कमेटी में राहुल अग्रवाल डिप्टी डायरेक्टर (पीडब्लयूडी ब्रांच) और प्रोबेशन एंड प्रीजन वेलफेयर सर्विसेज कमेटी में चीफ प्रोबेशन ऑफिसर के नाते कमेटी चेयरपर्सन बनाए गए हैं. नई कमेटी स्वैच्छिक कार्य प्रकोष्ठ (VAC) का चेयरपर्सन डिप्टी डायरेक्टर (वीएसी) राहुल अग्रवाल को ही बनाया गया है. कुल 6 सदस्यीय कमेटी में चेयरपर्सन, मैंबर सेक्रेटरी के अलावा 4 अन्य सदस्य भी शामिल किए गए हैं, जिनकी सेल में अलग-अलग भूमिका तय की गई है. इनमें मैंबर सेक्रेटरी स्वाती शर्मा के अलावा सदस्य के रूप में उपेन्द्र गोयल, अश्विनी कुमार, रश्मि बिष्ट और प्रियंका प्रमुख रूप से शामिल हैं.
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मंत्री सौरभ भारद्वाज ने लगाए थे ये आरोप: दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार और एलजी ने एक भ्रष्ट अधिकारी की नियुक्ति आशा किरण शेल्टर होम में की थी. उन्होंने एलजी वीके सक्सेना से पूछा था कि आखिर किस आधार पर उन्होंने साल 2016 में एसडीएम रहते हुए 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए दानिक्स अधिकारी राहुल अग्रवाल को शेल्टर होम का प्रशासक नियुक्त किया. सौरभ भारद्वाज ने यह भी पूछा था कि 2016 में सस्पेंड होने के बाद यह अधिकारी 5 साल तक सस्पेंड रहे. इनकी नियुक्ति का आखिर क्या आधार था?
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