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महाशिवरात्रि पर 60 फुट ऊंची आदियोगी प्रतिमा का होगा उद्घाटन, आंध्र प्रदेश के 'सबरीमला' में तैयारी शुरू - MAHASHIVRATRI 2025

आंध्र प्रदेश के सबरीमला में महाशिवरात्रि पर 60 फुट ऊंची आदियोगी प्रतिमा का उद्घाटन किया जाएगा.

Adiyogi statue.
आदियोगी प्रतिमा. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 22, 2025, 4:22 PM IST

Updated : Feb 22, 2025, 4:49 PM IST

द्वारपुडी:आंध्र प्रदेश के डॉ. बीआर अंबेडकर कोनसीमा जिले में अयप्पा स्वामी मंदिर में 60 फुट की आदियोगी (ज्ञानयोगी) प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा. इसे 'आंध्र सबरीमला' के नाम से जाना जाता है. यह भव्य कार्यक्रम 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन सुबह 5:30 बजे होगा. कोयंबटूर (तमिलनाडु) और बेंगलुरू (कर्नाटक) में 112 फीट ऊंची मूर्तियों के बाद भारत में तीसरी सबसे बड़ी आदियोगी प्रतिमा होगी.

कैसी है प्रतिमाः प्रतिमा के सामने विनायक और कुमारस्वामी की झुकी हुई मुद्रा में मूर्तियां हैं. प्रतिमा के चारों ओर वशिष्ठ महर्षि, अत्रि महर्षि, गौतम महर्षि, कश्यप ब्रह्मऋषि, भारद्वाज महर्षि, जमदग्नि महर्षि, विश्वामित्र महर्षि और वाल्मिकी की ध्यानमग्न आकृतियां हैं. मंदिर परिसर के भीतर अर्धनारीश्वर, विनायक, कुमारस्वामी, नटराज, कृष्णार्जुन, अनंत पद्मनाभस्वामी और नंदी की मूर्तियां हैं.

प्रतिमा की खासियतःयह प्रतिमा 100 फीट चौड़ी है. प्रतिमा के पीछे एक विशेष प्रवेश द्वार है, जो एक आंतरिक गर्भगृह की ओर जाता है. जहां एक शिवलिंग स्थापित किया जाएगा. भक्तों को ध्यान लगाने के लिए जगह मिलेगी. सीमेंट में मिश्रित काला पदार्थ यह सुनिश्चित करता है कि मूर्ति 15 वर्षों तक अपना रंग बरकरार रखेगा.

आदियोगी प्रतिमा निर्माण से जुड़े तथ्य:

  • इसे बनाने में 9 महीने का समय लगा
  • इसके निर्माण में 5 टन लोहा लगा
  • 7 लॉरी रेत का उपयोग हुआ
  • 1200 बोरी सीमेंट लगाया गया
  • इसके निर्णाण में 2 लॉरी बजरी का प्रयोग हुआ
  • साथ ही 25 हजार ईंट लगा

मंदिर के संस्थापक एस.एल. कनकराज गुरुस्वामी ने कहा, "कर्नाटक में आदियोगी प्रतिमा के दर्शन से प्रेरित होकर मैंने यहां द्वारापुडी में भी इसी तरह की आध्यात्मिक प्रतिमा बनाने की कल्पना की. दानदाताओं के सहयोग से हमने 40 लाख रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण और प्रकाश व्यवस्था सहित प्रतिमा का निर्माण पूरा किया."कोमारीपालम के मूर्तिकार कोली वीरा राघव ने इसके निर्माण का नेतृत्व किया. उन्होंने मूर्ति की दीर्घायु सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ सामग्रियों के उपयोग पर जोर दिया.

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Last Updated : Feb 22, 2025, 4:49 PM IST

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