बेंगलुरु: मानवाधिकार कार्यकर्ता सैयद अशरफ ने कर्नाटक के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जमीर अहमद खान पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मंत्री ने अनवर बाशा को कर्नाटक वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त करने में हस्तक्षेप किया, जबकि उनके (अनवर बाशा) खिलाफ जमीन अतिक्रमण के आरोप हैं.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अशरफ ने दावा किया कि राजनीतिक हस्तक्षेप वक्फ बोर्ड और अन्य अल्पसंख्यक संस्थानों की अखंडता से समझौता कर रहा है.
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के लिए सोमवार 17 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए अशरफ और केपीसीसी उपाध्यक्ष ओबैदुल्ला शरीफ ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से हस्तक्षेप करने और एक साफ छवि वाले उम्मीदवार का चुनाव सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, न कि अनवर बाशा जैसे राजनीतिक कठपुतली का, जिस पर अतिक्रमण के गंभीर आरोप हैं.
कब्रिस्तान की पर अतिक्रमण का आरोप
अशरफ ने आरोप लगाया कि अनवर बाशा ने चित्रदुर्ग में एक कब्रिस्तान की 2.5 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया है, जहां एक घर और कॉलेज बनाया गया है. निर्माण के दौरान कथित तौर पर मानव कंकाल के अवशेष पाए गए थे. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे व्यक्ति पर विचार क्यों किया जा रहा है और साथ ही उन्होंने चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग भी की.