नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर 'वन नेशन वन इलेक्शन' (ओएनओई) का विरोध किया है. गुरुवार को इसपर गठित उच्च स्तरीय समिति से आप नेताओं ने कहा कि लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव का यह सुझाव कैसे देश के लोकतंत्र, संवैधानिक सिद्धांतों, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए गंभीर खतरा है. इस संबंध में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता और प्रवक्ता जैस्मीन शाह के एक प्रतिनिधि मंडल ने पूर्व राष्ट्रपति और इस समिति के अध्यक्ष रामनाथ कोविंद से मुलाकात की.
इस मौके पर पंकज गुप्ता ने कहा कि पूरे देश में एक साथ मतदान कराना, मतदाता के प्रति लोकतांत्रिक जवाबदेही को कमजोर करता है और सरकारों को चुनाव से पहले हर पांच साल में केवल एक बार काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव का मौजूदा स्वरूप रोजमर्रा के शासन में कोई बाधा पैदा नहीं करता है. किसी भी चुनाव से पहले लगाई गई आदर्श आचार संहिता केवल किसी नई योजनाओं की घोषणा करने से रोकती है.
उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता की किसी भी कठिनाई का सामना चुनाव आयोग के स्तर पर किया जा सकता है. इससे आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों को स्पष्ट करके और राज्यों में होने वाले चुनावों के चरणों की संख्या को कम करके भी हासिल किया जा सकता है. पंकज गुप्ता ने कहा कि चुनाव लोगों को केंद्र और राज्य सरकारों को जवाबदेह ठहराने का एक अवसर देता है, लेकिन वन नेशन वन इलेक्शन नागरिकों को इस अवसर से वंचित कर देगा. वहीं इसके वित्तीय पहलू को लेकर उन्होंने कहा कि मौजूदा स्वरूप में चुनावों पर कुल खर्च बहुत कम है, जो केंद्र सरकार के वार्षिक बजट का केवल 0.1 फीसदी है. इसलिए वन नेशन वन इलेक्शन के जरिए मामूली खर्च को कम करने के लिए संवैधानिक सिंद्धांतों की कुर्बानी सही नहीं है.