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एग्जाम में फर्जीवाड़ा रोकने की कोशिश में UPSC, आधार वेरिफिकेशन से पहले उठा चुकी है ये कदम - Union Public Service Commission

Aadhaar Based Aauthentication For UPSC: केंद्र सरकार ने UPSC को कैंडिडेट्स के आईडेंटिटी वेरिफिकेशन के लिए आधार-बेस्ड ऑथेंटिकेशन लागू करने के लिए अधिकृत किया है. इससे पहले एग्जाम में धोखाधड़ी को रोकने के लिए UPSC ने कई कदम उठाए थे.

संघ लोक सेवा आयोग
संघ लोक सेवा आयोग (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 29, 2024, 12:50 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को स्वैच्छिक आधार पर कैंडिडेट्स के आईडेंटिटी वेरिफिकेशन के लिए आधार-बेस्ड ऑथेंटिकेशन लागू करने के लिए अधिकृत किया है. यह नया उपाय रजिस्ट्रेशन प्रोसेस और परीक्षाओं और भर्ती के विभिन्न चरणों के दौरान लागू किया जाएगा.

यह निर्णय प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ हाल ही में की गई कार्रवाई के बाद लिया गया है. पूजा की प्रोविजनल उम्मीदवारी पिछले महीने रद्द कर दी गई थी. क्योंकि उन्होंने फर्जीवाड़ा करके अपनी एलिजिबिलिटी से ज्यादा बार सिविल सेवा परीक्षा दी थी. खेडकर पर विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी - नॉन-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है.

कार्मिक मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
कार्मिक मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, "यूपीएससी को 'वन टाइम रजिस्ट्रेशन' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय और परीक्षा/भर्ती परीक्षण के विभिन्न चरणों में अभ्यर्थियों की पहचान के वेरिफिकेशन के लिए स्वैच्छिक आधार पर आधार ऑथेंटिकेशन करने की अनुमति है, जिसके लिए हां/नहीं या/और ई-केवाईसी ऑथेंटिकेशन फैसिलिटी का इस्तेमाल किया जाएगा.

यूपीएससी ने आधार (टारगेट डिलीवरी ऑफ फाइनेंशियल एंड अदर सब्सिडीज, बेनेफिट्स एडं सर्विसिस) एक्ट 2016 के प्रावधानों के साथ-साथ यूनीक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) द्वारा जारी सभी संबंधित नियमों, विनियमों और दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने की प्रतिबद्धता जताई है.

परीक्षा प्रक्रिया की अखंडता को मिलेगा बढ़ावा
आधार सिस्टम जो कि UIDAI से जारी की गई 12 अंकों की यूनीक आईडेंटिटी नंबर है, भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक डेटा पर आधारित है. इस नए वेरिफिकेशन मैथड से परीक्षा प्रक्रिया की अखंडता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

UPSC उठा चुकी है ये कदम
आधार-बेस्ड ऑथेंटिकेशन के अलावा यूपीएससी ने पहले भी अपनी परीक्षाओं में धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई कदम उठाए थे. जुलाई में इसने खेडकर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, जिसमें सिविल सेवा परीक्षा के दौरान आईडेंटिटी फ्रॉड के लिए जालसाजी का मामला दर्ज करना भी शामिल था. इसके अलावा यूपीएससी ने जून में परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी रोकने के लिए फेशियल रेकग्निशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सीसीटीवी सर्विलांस को इंटिग्रेट करने की योजना की घोषणा की थी.

बता दें कि यूपीएससी सालाना 14 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है, जिसमें प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा भी शामिल है, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए उम्मीदवारों का चयन करती है. ये परीक्षाएं, कई अन्य भर्ती परीक्षाओं के साथ केंद्र सरकार के भीतर ग्रुप 'ए' और ग्रुप 'बी' पदों को भरने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो देश भर से बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को आकर्षित करती हैं.

यह भी पढ़ें- UPSC भर्ती प्रक्रिया में आधार वेरिफिकेशन, जारी हुआ केंद्र का नोटिफिकेशन

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