नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को स्वैच्छिक आधार पर कैंडिडेट्स के आईडेंटिटी वेरिफिकेशन के लिए आधार-बेस्ड ऑथेंटिकेशन लागू करने के लिए अधिकृत किया है. यह नया उपाय रजिस्ट्रेशन प्रोसेस और परीक्षाओं और भर्ती के विभिन्न चरणों के दौरान लागू किया जाएगा.
यह निर्णय प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ हाल ही में की गई कार्रवाई के बाद लिया गया है. पूजा की प्रोविजनल उम्मीदवारी पिछले महीने रद्द कर दी गई थी. क्योंकि उन्होंने फर्जीवाड़ा करके अपनी एलिजिबिलिटी से ज्यादा बार सिविल सेवा परीक्षा दी थी. खेडकर पर विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी - नॉन-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है.
कार्मिक मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
कार्मिक मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, "यूपीएससी को 'वन टाइम रजिस्ट्रेशन' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय और परीक्षा/भर्ती परीक्षण के विभिन्न चरणों में अभ्यर्थियों की पहचान के वेरिफिकेशन के लिए स्वैच्छिक आधार पर आधार ऑथेंटिकेशन करने की अनुमति है, जिसके लिए हां/नहीं या/और ई-केवाईसी ऑथेंटिकेशन फैसिलिटी का इस्तेमाल किया जाएगा.
यूपीएससी ने आधार (टारगेट डिलीवरी ऑफ फाइनेंशियल एंड अदर सब्सिडीज, बेनेफिट्स एडं सर्विसिस) एक्ट 2016 के प्रावधानों के साथ-साथ यूनीक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) द्वारा जारी सभी संबंधित नियमों, विनियमों और दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने की प्रतिबद्धता जताई है.