14 साल के बच्चे के पैर का होना था ऑपरेशन, लेकिन डॉक्टरों ने कर दी प्राइवेट पार्ट की सर्जरी - Maharashtra News - MAHARASHTRA NEWS
डॉक्टरों को भगवान की संज्ञा दी जाती है, लेकिन अगर वही भगवान अपने मरीजों का इलाज लापरवाही से करने लगे, तो क्या होगा. ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के शाहपुर उप जिला अस्पताल में सामने आया, जहां एक 14 वर्षीय बच्चे के पैर का ऑपरेशन करने के बजाय डॉक्टरों ने उसके प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन कर दिया.
ठाणे उप जिला अस्पताल (फोटो - ETV Bharat Maharashtra Desk)
ठाणे: महाराष्ट्र में शाहपुर उप जिला अस्पताल में 14 वर्षीय एक लड़के को पैर में दर्द के कारण भर्ती कराया गया. लेकिन उप जिला अस्पताल के डॉक्टर ने लड़के के प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन कर दिया. यह चौंकाने वाली घटना तब सामने आई जब लड़के की मां ने ऑपरेशन स्थल देखा. लड़के की मां ने इस पर आपत्ति जताई.
डॉक्टर ने लड़के को ऑपरेशन थियेटर में वापस ले जाकर उसके पैर का दोबारा ऑपरेशन किया. अब पीड़ित के पिता ने इस मामले की जांच के लिए अस्पताल प्रशासन से मदद मांगी है. बच्चे के रिश्तेदार के अनुसार, बच्चे के निचले पैर में चोट लगी थी. इसके लिए उसके माता-पिता ने उसे इलाज के लिए शाहपुर उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया. उसके बाद उसके पैर का एक्स-रे कराया गया.
सभी रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर ने उसके माता-पिता से कहा कि बच्चे के पैर का ऑपरेशन करना होगा. अगले दिन उसके पैर के ऑपरेशन की तैयारी की गई. इसके बाद शाहपुर उपजिला अस्पताल में पीड़ित बच्चे का ऑपरेशन करने से पहले दो बच्चों के मूत्र मार्ग की सर्जरी की गई थी. इसके बाद डॉक्टर पीड़ित को ऑपरेशन करने के लिए ले गए और उसके प्राइवेट पार्ट की सर्जरी कर दी.
ऑपरेशन के बाद उसे बाहरी वार्ड में ले जाया गया, जहां उसकी मां ने उसे देखा. लेकिन उसे एहसास हुआ कि उसके बेटे को उसके पैर के ऑपरेशन के लिए ले जाया गया है. जांच के बाद यह बात सामने आई कि उसके पैर का ऑपरेशन नहीं हुआ था, बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन हुआ था. जब उसने अस्पताल में हंगामा करना शुरू किया तो डॉक्टर ने सब कुछ देखा और उसे वापस ओटी रूम में ले गए और घायल बाएं पैर का ऑपरेशन किया.
इस घटना के बाद शाहपुर उपजिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है. पीड़ित माता-पिता ने कहा कि 'मेरे बेटे के पैर में चोट लगी थी. इसलिए हमने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टर ने कहा कि उसके पैर का ऑपरेशन करना होगा. अगले दिन उसे ऑपरेशन के लिए ले जाया गया और ऑपरेशन के बाद उसे लाकर बिस्तर पर लिटा दिया गया. उसके बाद मैंने देखा कि उसके पैर का ऑपरेशन ही नहीं हुआ था. ऑपरेशन प्राइवेट पार्ट में किया गया है. जब मैं अस्पताल में चिल्लाई, तो डॉक्टर उसे वापस ऑपरेशन थियेटर में ले गए और उसके पैर का ऑपरेशन किया.'