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महंत के खिलाफ 76 एफआईआर, फिर भी गिरफ्तारी नहीं, पुलिस ने हाई कोर्ट को बताई वजह - BOMBAY HIGH COURT

महंत रामगिरी महाराज ने 15 अगस्त 2024 को एक कार्यक्रम के दौरान विवादित टिप्पणी की थी. इसको लेकर उनके खिलाफ 76 मामले दर्ज किए गए.

Bombay High Court
बॉम्बे हाई कोर्ट (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2025, 11:36 AM IST

मुंबई:बॉम्बे हाई कोर्ट में बुधावर को महंत रामगिरी महाराज की भड़काऊ टिप्पणी को लेकर सुनावई हुई. इस दौरान कोर्ट को यह जानकारी दी गई कि सिन्नर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 35(3) के तहत महंत रामगिरी महाराज को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने पिछले साल भड़काऊ टिप्पणी की थी. इसके कारण पूरे महाराष्ट्र में 76 एफआईआर दर्ज की गई थीं.

हालांकि, पुलिस ने उन्हें यह कहते हुए आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया कि कथित अपराधों के लिए सजा सात साल से अधिक नहीं है. बता दें कि पैगंबर मोहम्मद को निशाना बनाकर किए गए बयान से व्यापक आक्रोश फैल गया था. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता एजाज नकवी ने दलील दी कि पुलिस आरोपियों के प्रति अनुचित नरमी बरत रही है.

दूसरी अभियोक्ता की दलीलों में दावा किया गया कि विवादास्पद वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दिए गए हैं, लेकिन नकवी ने इस दावे को चुनौती देते हुए कहा कि वीडियो अभी भी ऑनलाइन उपलब्ध हैं.

जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और डॉ नीला गोखले की पीठ ने पाया कि जांच जारी है और पुलिस को निर्देश दिया कि वह आरोपियों को जारी किए गए नोटिस की एक कॉपी उपलब्ध कराए. अदालत ने जांच में आगे की प्रगति के लिए मामले को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया.

राज्यभर में दर्ज हुए केस
बता दें कि महंत रामगिरी महाराज ने 15 अगस्त 2024 को एक कार्यक्रम के दौरान विवादित टिप्पणी की थी, जिसके चलते राज्य भर में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए. बाद में मामलों को समेकित जांच के लिए सिन्नर के एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया गया. गौरतलब है कि केस ट्रांसफर की प्रक्रिया अभी भी जारी है.

12 गवाहों के बयान दर्ज
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस इंस्पेक्टर पीडी पाटिल द्वारा प्रस्तुत एक हलफनामे से यह पता चला कि कार्यक्रम के आयोजकों और वीडियो रिकॉर्ड करने वाले व्यक्ति सहित 12 गवाहों के बयान एकत्र किए गए थे.

हलफनामे में कहा गया है कि संबंधित वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि के लिए उसे नासिक स्थित फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी भेजा जा रहा है. इसके अलावा संबंधित आईपी एड्रेस की पहचान करके उस व्यक्ति का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है जिसने वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड किया.

हलफनामे में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि अब तक की जांच से पता चलता है कि रामगिरी महाराज ही अपराधों में एकमात्र आरोपी हैं. हालांकि, वीडियो अपलोड करने वाले को भी आरोपी के रूप में शामिल करने के लिए कदम उठाए जाएंगे, जब तक कि उनका आइडेंटिटी वेरिफिकेशन नहीं हो जाता.

अदालत को आश्वासन दिया गया कि सभी उचित उपाय किए जा रहे हैं, जिसमें सभी पंजीकृत अपराधों के लिए एक समेकित आरोपपत्र तैयार करना शामिल है. पुलिस ने शिकायतकर्ताओं को आगे आकर अपना बयान देने के लिए नोटिस भी जारी किया है.

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