असम: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण से पहले 3 केएलओ उग्रवादी गिरफ्तार - KLO militants arrested - KLO MILITANTS ARRESTED
Assam 3 KLO militants arrested: असम पुलिस ने केएलओ (KLO) संगठन के तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए उग्रवादियों के खिलाफ कई संगीन आरोप हैं. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है.
असम में 3 केएलओ उग्रवादी गिरफ्तार (फोटो ईटीवी भारत)
चिरांग: लोकसभा चुनाव में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित कराने की दिशा में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने बुधवार रात कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (KLO) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया. जानकारी के मुताबिक पुलिस ने खुफिया इनपुट के आधार पर चिरांग जिले के बासुगांव में छापेमारी की. इस दौरान तीन केएलओ सदस्यों को गिरफ्तार किया.
गिरफ्तार किए गए तीन सदस्यों की पहचान बासुगांव शहर के हेकोइपारा के रॉबिन बर्मन उर्फ लंकेश्वर कोच उर्फ लंबू, कोकराझार के गोसाईगांव गांव के उत्पल राय उर्फ पंकज कोच और बोंगाईगांव जिले के नयिटामारा के धनंजय बर्मन के रूप में की गई. पुलिस के अनुसार संगठन के सदस्य कुछ समय से बासुगांव के विभिन्न लोगों से पैसे की मांग कर रहे थे.
पुलिस ने इन केएलओ सदस्यों को तब गिरफ्तार किया जब वे शहर के स्टेशन रोड के एक होटल में डेरा डाले हुए थे. ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने गुरुवार तड़के बासुगांव शहर के कासुडोला गांव के पास बहने वाली चंपावती नदी के तट पर रेत में छिपा हुआ एक बम भी बरामद किया. पुलिस सूत्रों ने कहा कि संगठन के सदस्यों ने बम को नदी के किनारे छिपा दिया था ताकि पुलिस की नजरों से बचा जा सके. गौरतलब है कि पुलिस ने कुछ दिन पहले कोकराझार के दोतमा में ग्रेनेड फेंकने की घटना के सिलसिले में केएलओ के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था. हिरासत में लिए गए सदस्य बांग्लादेश में शरण लिए हुए केएलओ नेता हरिप्रसाद राय के आदेश पर पैसे की मांग करने में शामिल थे.
केएलओ क्या है:कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (KLO ) एक उग्रवादी संगठन है. ये पश्चिम बंगाल और असम से अलग कामतापुर राष्ट्र की मांग को लेकर 1993 से पूर्वोत्तर भारत में सक्रिय है. संगठन पश्चिम बंगाल के 6 जिले और असम के 4 निकटवर्ती जिलों की मांग कर रहा है. केएलओ का गठन उत्तरी बंगाल और निचले असम के क्षेत्रों में बसे कोच राजबोंगशी लोगों की समस्याओं जैसे बड़े पैमाने पर बेरोजगारी, भूमि अलगाव, कामतापुरी भाषा, पहचान की कथित उपेक्षा और आर्थिक अभाव की शिकायतों के समाधान के लिए किया गया था.