उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड पर मौसम की मार, इस मॉनसून में अभीतक जा चुकी है 13 लोगों की जान, 4 लापता - 13 people died in Uttarakhand

Heavy Monsoon Rains in Uttarakhand: उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक के बाद अभी तक 13 लोगों की जान चुकी है. वहीं अभी भी चार लोग लापता है. इस साल बारिश ने अभीतक उत्तराखंड को कितना नुकसान पहुंचाया है, उसी पर ईटीवी भारत की ये रिपोर्ट...

UTTARAKHAND MONSOON SEASON
उत्तराखंड पर मौसम की मार (ईटीवी भारत ग्राफिक्स)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 6, 2024, 9:19 PM IST

देहरादून:हर साल की तरह इस बार भी मॉनसून की बारिश उत्तराखंड पर आफत बनकर बरस रही है. बीते चार दिनों से पहाड़ी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण उत्तराखंड में हाहाकार मचा हुआ है. उत्तराखंड में करीब एक हफ्ते पहले आया मॉनसून अभीतक 13 लोगों की जान ले चुका है. वहीं चार लोग अभी लापता हैं.

उत्तराखंड में मॉनसून सुहाने मौसम के साथ-साथ तबाही भी लेकर आता है. इस तरह के कुछ हालात इस बार भी बने हुए हैं. बीते चार दिनों से पहाड़ी इलाकों में मूसलाधार बारिश हो रही है, जिस कारण पहाड़ में जगह भूस्खलन हो रहा है. कुछ जिलों में नदियों का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर गया है. भारी बारिश के कारण पहाड़ का जनजीवन भी पूरी तरह के अस्त-व्यस्त हो चुका है. वहीं, अभी सात जुलाई को भी मौसम विभाग ने गढ़वाल और कुमाऊं के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी कर रखा है.

रुद्रप्रयाग की तस्वीर. (ETV Bharat)

मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए पुलिस-प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग भी अलर्ट हो रखा है. संवेदनशील इलाकों में पहले से ही एसडीआरएफ को तैनात किया गया है. हालांकि, इस बार भी अभीतक (6 जुलाई) मॉनसूनी बारिश के कारण 13 लोगों की जान जा चुकी है.

आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, अभी तक 12 लोगों के बहने के मामले सामने आए है, जिसमें 8 लोगों की लाश ही मिली है. वहीं चार लोग अभी भी लापता है. इसके अलावा दो लोगों की गड्डे में डूबने से मौत हुई है. वहीं तीन लोगों की जान भूस्खलन की चपेट में आने से हुई है.

रुद्रप्रयाग में बढ़ा नदी का जलस्तर. (ETV Bharat)

पुलिस-प्रशासन की अपील नदियों के पास न जाए लोग: पहाड़ों में हो रही भारी बारिश के कारण नदियों को जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में पुलिस-प्रशासन की तरफ से लगातार लोगों से अपील की जा रही है कि वो नदी-नालों के पास न जाए. लेकिन कुछ लोग पुलिस-प्रशासन की इस अपील पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसका उन्हें कई बार खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. इस वजह से कई बार उनकी जान भी चली जाती है.

ऋषिकेश बद्रीनाथ हाईवे पर आया मलबा. (ETV Bharat)

हरिद्वार में बीते दिनों आया था सैलाब: ऐसा ही कुछ बीते दिनों ऋषिकेश में हुआ था. यहां भी गंगा में नहाते समय हरियाणा के दो युवक डूब गए थे, जिसकी लाश अगले दिन मिली थी. इसके साथ ही बीते दिनों हरिद्वार में आई बढ़ा में पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचा था, जब सूखी नदी में अचानक से पानी का सैलाब आ गया था, और वहां खड़ी दर्जनों गाड़ियां पानी के बहाव में तिनके की तरह बह गई थी. उससे पहले तीस जून को भी केदारनाथ मार्ग पर मंदाकिनी नदी में एक व्यक्ति बह गया था, जिसका शव भी करीब 24 घंटे बाद मिला था.

पहाड़ों पर बढ़ा भूस्खलन का खतरा: बरसात में पहाड़ों पर सफर करना काफी खतरनाक साबित होती है. क्योंकि इस दौरान पहाड़ों पर भूस्खलन की घटनाएं बढ़ जाती है. बीते दिनों मैक्स वाहन भी भूस्खलन की चपेट में आ गया था. हादसे के वक्त वाहन में करीब 9 लोग सवार थे, जिनसे से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. मृतक की शिनाख्त यूपी के मुरादाबाद निवासी असलम के रूप में हुई थी.

रुद्रप्रयाग में बढ़ा नदी का जलस्तर. (ETV Bharat)

30 जून को कुमाऊं में एक और घटना घटी. यहां झरने के नीचे नहा रहा 17 साल का नाबालिग अचानक से बह गया. बताया गया था कि बारिश के कारण झरने का पानी अचानक से बढ़ गया और नाबालिग उसी में बह गया. ऐसे ही एक घटना राजधानी देहरादून में भी हुई थी. यहां भी 30 जून को अभिमन्यु क्रिकेट अकादमी के पास नदी में पैर फिसलने से युवक की डूबकर मौत हो गई थी. युवक की उम्र करीब 18 साल थी.

भारी बारिश के कारण डूबे वाहन. (ETV Bharat)

ऋषिकेश में दंपति गंगा में डूबे: ऋषिकेश के पास नीम बीच पर भी ऐसा ही हादसा हुआ था. यहां भी गंगा में नहाते समय महिला अचानक से पानी के तेज बहाव में बहने लगी. महिला को बचाने के लिए चक्कर में उसका पति की डूब गया. दोनों के शव अभीतक नहीं मिले हैं. उत्तरकाशी के मताली में भी तेज बहाव में 23 साल का युवक बह गया था. युवक की लाश तो मिल गई थी, लेकिन उसकी अभीतक शिनाख्त नहीं हो पाई है.

ऋषिकेश गंगा घाट. (ETV Bharat)

खाई में गिरी टैकर: बीती तीन जुलाई को भी एक व्यक्ति मौसम की वजह से हादसे का शिकार हो गया था. बताया गया था कि रुद्रनाथ ट्रैक पर गए ट्रेकिंग दल के एक सदस्य का बारिश के कारण पैर फिसल गया था, जिससे वो सीधा खाई में गिरा. जिसका शव एसडीआरएफ ने निकाला था. मृतक की शिनाख्त मेरठ निवासी अमरेंद्र सिंह के रूप मे हुई थी.

चार जुलाई को श्रीनगर में महिला अलकनंदा में बही: बीती चार जुलाई को पौड़ी जिले के श्रीनगर में भी महिला अलकनंदा नदी में बह गई थी, जिसका शव एसडीआरएफ ने निकाला था. महिला की शिनाख्त शाखा देवी केशव के रूप में हुई थी.

भारी बारिश से टूटे पेड़. (ETV Bharat)

गोमुख में बहे दो कावड़िए: दो दिन पहले भी यूपी के 40 कावड़िए भी गंगोत्री गोमुख ट्रैक पर फंस गए थे, जिसमें से 38 का तो एसडीआरएफ ने सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया था, लेकिन दो पानी में बह गए थे, जिनका अभीतक कुछ पता नहीं चल पाया है. बताया जा रहा है कि लकड़ी का पुल पार करते हुए दोनों कावड़िए बह गए थे. इसके अलावा हरिद्वार में भी गड्ढे में गिरने से युवक की मौत हो गई थी.

गुच्छूपानी के पास टापू में फंस गए थे 10 लोग: दो दिन पहले गुच्छूपानी के पास करीब दस लोग अचानक से नदी का जल स्तर बढ़ने से टापू पर फंस गए थे, जिनका एसडीआरएफ ने रेस्क्यू किया था. वहीं चंपावत जिले में पांच जुलाई को एक महिला नदी पार करते हुए अचानक से गिर गई और पानी के तेज बहाव में बह गई थी.

गुच्छूपानी के पास टापू में फंसे 10 लोग. (ETV Bharat)

दो युवक चट्टान के नीचे दबे: 6 जुलाई को भी चमोली जिले में बड़ा हादसा हुआ. यहां चमोली कर्णप्रयाग मार्ग पर दो बाइक सवार दो लोग पहाड़ से गिरी चट्टान के चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. दोनों की शिनाख्त निर्मल शाही (36) और सत्यनारायण 50 निवासी हैदराबाद के रूप में हुई है.

केदारनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग संगम स्थित 60 मीटर लम्बी सुरंग मलबे और बोल्डर गिरने के कारण बंद. (ETV Bharat)

अभी जारी रहेगा बारिश का कहर: उत्तराखंड को फिलहाल तो बारिश से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. मौसम विभाग की माने तो आगे भी बारिश का प्रकोप जारी रहेगा. वहीं बारिश में जानमाल का कम से कम नुकसान हो, इसके लिए एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि हर जिले में एसडीआरएफ की टीम तैनात है. संवेदनशील क्षेत्र में विशेष सर्तकता बरती जा रही है. साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि बरसात के दिनों नदी-नालों से दूर रहे. चारधाम पर जाने वाले श्रद्धालु भी बेहद सावधानी के साथ ही यात्रा करें.

पढ़ें--

ABOUT THE AUTHOR

...view details