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भारत में इस साल अब तक जीका के 13 मामले आए सामने: स्वास्थ्य मंत्रालय - Zika Cases in India

जीका एक एडीज मच्छर जनित विषाणु रोग है, जो प्रभावित गर्भवती महिलाओं से जन्म लेने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली से जुड़ा हुआ है, जो इसे एक बड़ी चिंता का विषय बनाता है. स्वास्थ्य मंत्रायल ने जीका वायरस संक्रमण के इस साल सामने आए मामलो की जानकारी दी है.

Zika Virus Cases in India
भारत में जीका वायरस के मामले (फोटो - ANI Photo)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 30, 2024, 6:09 PM IST

नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कम से कम 10 मामलों के साथ, महाराष्ट्र ने इस साल जीका वायरस के प्रकोप की सबसे अधिक घटनाएं दर्ज कीं, उसके बाद कर्नाटक (3) का स्थान रहा. जीका डेंगू और चिकनगुनिया की तरह एडीज मच्छर जनित वायरल बीमारी है. यह एक गैर-घातक बीमारी है.

हालांकि, जीका प्रभावित गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली (सिर का आकार कम होना) से जुड़ा है, जो इसे एक बड़ी चिंता का विषय बनाता है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंगलवार को संसद को बताया कि भारत में स्वास्थ्य राज्य का विषय है और स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्य सरकारों की है.

उन्होंने कहा कि 'स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, हालांकि, सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है. जीका रोगियों के लिए अस्पतालों में बिस्तरों का आरक्षण उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं और परिस्थितियों के आधार पर किया जाता है.'

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने जीका वायरस रोग के प्रबंधन के लिए एक कार्य योजना तैयार की है. उन्होंने कहा कि 'योजना में विभिन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्रवाइयों पर विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया गया है, जिन्हें रोग के प्रकोप के जवाब में उठाए जाने की आवश्यकता है.' भारत में जीका का पहला मामला 2016 में गुजरात राज्य से सामने आया था. उसके बाद से तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक सहित कई अन्य राज्यों में इसके मामले सामने आए हैं.

गुजरात और तमिलनाडु में 2017 में जीका वायरस के तीन और एक मामले सामने आए. 2018 में मध्य प्रदेश में 260 और राजस्थान में एक, 2021 में उत्तर प्रदेश और केरल में क्रमशः 84 और 150 मामले, 2022 में कर्नाटक और केरल में एक मामला, 2023 में केरल और महाराष्ट्र में 12 और 11 मामले सामने आए.

चूंकि जीका से प्रभावित गर्भवती महिला के भ्रूण में माइक्रोसेफेली और न्यूरोलॉजिकल परिणाम हो सकते हैं, इसलिए राज्यों को सलाह दी गई है कि वे चिकित्सकों को करीबी निगरानी के लिए सतर्क करें.

राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं या प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले मामलों की देखभाल करने वाले संस्थानों को निर्देश दें कि वे गर्भवती महिलाओं की जीका वायरस संक्रमण के लिए जांच करें, जीका के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाली गर्भवती माताओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करें तथा केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करें.

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