لکھنؤ: ریاست اتر پردیش کی سابق وزیر اعلیٰ اور بہوجن سماج پارٹی (بی ایس پی) کی صدر مایاوتی نے اسلامک تنظیم پیپلز فرنٹ آف انڈیا (پی ایف آئی) پر پابندی لگانے کے مرکزی حکومت کے فیصلے کو سیاسی مفاد اور راشٹریہ سویم سیوک سنگھ (آر ایس ایس) کی خوشامد پسندی پر مبنی پالیسی بتایا ہے۔ Mayawati Slams government over PFI ban
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1. केन्द्र द्वारा पीपुल्स फ्रण्ट आफ इण्डिया (पीएफआई) पर देश भर में कई प्रकार से टारगेट करके अन्ततः अब विधानसभा चुनावों से पहले उसे उसके आठ सहयोगी संगठनों के साथ प्रतिबन्ध लगा दिया है, उसे राजनीतिक स्वार्थ व संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर यहाँ लोगों में संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है।
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مایاوتی نے جمعہ کے روز کہا کہ حکومت کے اس فیصلے سے لوگوں میں اطمینان کے بجائے بے چینی ہو رہی ہے۔ انہوں نے ایک ٹویٹ میں کہا، "پیپلز فرنٹ آف انڈیا (پی ایف آئی ) پر مرکز نے ملک بھر میں کئی طریقے سے نشانہ بناکر بالآخر اسمبلی انتخابات سے پہلے، اس پر اس کی آٹھ تنظیموں کے ساتھ پابندی عائد کردی ہے، اسے سیاسی مفاد اور آر ایس ایس کی خوشامدپسندی پر مبنی پالیسی قرار دے کر یہاں کے لوگوں میں اطمینان کم اور بے چینی زیادہ ہے۔
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2. यही कारण है कि विपक्षी पार्टियाँ सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित व हमलावर हैं और आरएसएस पर भी बैन लगाने की माँग खुलेआम हो रही है कि अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी बैन क्यों नहीं लगना चाहिए?
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ایک اور ٹویٹ میں انہوں نے آر ایس ایس پر پابندی لگانے کے اپوزیشن جماعتوں کے مطالبے کا بھی حوالہ دیا اور کہا کہ یہی وجہ ہے کہ اپوزیشن جماعتیں حکومت کی نیت میں کھوٹ مان کر اسے معاملے پر مشتعل اور حملہ آور ہیں اور آر ایس ایس پر پابندی لگانے کی مانگ کھلے عام ہورہی ہے۔ انہوں نے مزیدکہا کہ اگر پی ایف آئی سے ملک کی اندرونی سلامتی کو خطرہ ہے تو اس جیسی دوسری تنظیموں پر پابندی کیوں نہیں لگائی جاتی؟
یو این آئی