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راجستھان: الور ہسپتال میں جھلسی بچی کی موت

راجستھان کے الور کے سرکاری گیت آنند شیشو ہسپتال میں آگ لگنے سے جھلسی تقریباً تین ہفتے کی لکشمی کی آج جے پور کے جے کے لان ہسپتال میں موت ہوگئی۔

راجستھان: الور ہسپتال میں جھلسی بچی کی موت
راجستھان: الور ہسپتال میں جھلسی بچی کی موت
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Published : Jan 1, 2020, 3:20 PM IST

اطلاعات کے مطابق جے کے لان ہسپتال کے آئی سی یو میں داخل لکشمی نے صبح تقریباً ساڑھے دس بجے دم توڑ دیا۔

واضح رہے کہ بیمار ہونے پر لکشمی کو گزشتہ 24دسمبر کو الور کے گیت آنند شیشو ہسپتال کی ایف بی این سی یونٹ میں داخل کرایاگیاتھا اور پیر کو اس کی صحت میں بہتری ہونے پر ڈاکٹروں نے اسے اگلے دن وارڈ میں بھیجنے کی بات کہی تھی۔

راجستھان: الور ہسپتال میں جھلسی بچی کی موت

لیکن منگل کی صبح ہسپتال میں آگ لگ گئی اور مشین میں رکھی لکشمی شدید طورپر جھلس گئی۔اس کے بعد نازک حالت میں اسے جےپور لاکر جےکے لان ہسپتال کے آئی سی یو میں داخل کرایا گیا تھا۔

ہسپتال میں آگ سے تین نرسنگ اہلکار بھی جھلس گئیں تھی،جنہیں ہسپتال میں داخل کرایاگیاتھا۔حالانکہ ہسپتال میں داخل دیگر 14بچوں کو بچا لیاگیا ہے۔

اطلاعات کے مطابق جے کے لان ہسپتال کے آئی سی یو میں داخل لکشمی نے صبح تقریباً ساڑھے دس بجے دم توڑ دیا۔

واضح رہے کہ بیمار ہونے پر لکشمی کو گزشتہ 24دسمبر کو الور کے گیت آنند شیشو ہسپتال کی ایف بی این سی یونٹ میں داخل کرایاگیاتھا اور پیر کو اس کی صحت میں بہتری ہونے پر ڈاکٹروں نے اسے اگلے دن وارڈ میں بھیجنے کی بات کہی تھی۔

راجستھان: الور ہسپتال میں جھلسی بچی کی موت

لیکن منگل کی صبح ہسپتال میں آگ لگ گئی اور مشین میں رکھی لکشمی شدید طورپر جھلس گئی۔اس کے بعد نازک حالت میں اسے جےپور لاکر جےکے لان ہسپتال کے آئی سی یو میں داخل کرایا گیا تھا۔

ہسپتال میں آگ سے تین نرسنگ اہلکار بھی جھلس گئیں تھی،جنہیں ہسپتال میں داخل کرایاگیاتھا۔حالانکہ ہسپتال میں داخل دیگر 14بچوں کو بچا لیاگیا ہے۔

Intro:अलवर
अलवर की गीतानंद शिशु अस्पताल के एफबीएनसी वार्ड में लगी आग के दौरान एक नवजात झुलस गई थी। उसका जयपुर के जेके लोन अस्पताल में इलाज चल रहा था। तो वही इलाज के दौरान बुधवार को उसने दम तोड़ दिया है। इसकी सूचना मिलते ही अलवर में परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया है। प्रशासन की तरफ से जयपुर में बच्ची का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। परिजन लगातार बच्ची को लेने से मना कर रहे हैं।


Body:अलवर की गीतानंद शिशु अस्पताल स्थित नवजात बच्चों को रखने के लिए बना एफबीएनसी वार्ड मंगलवार सुबह अचानक आग का गोला बन गया। बच्चों को जिन रेडिएंट वार्मर मशीन में रखा जाता है। उन मशीनों में से एक मशीन में अचानक शार्ट सर्किट होने से आग लग गई। देखते ही देखते आग पूरे एफबीएनसी वार्ड में फैल गई। आग लगते ही शॉर्ट सर्किट से वार्ड की लाइट चली गई तो वही आंख के कारण चारों तरफ धुआं हो गया इस पर वहां तैनात नर्सिंग कर्मियों ने तुरंत एफबीएनसी में भर्ती सभी 15 बच्चों को वहां से निकाला व पास के दूसरे वार्ड में सभी को रखा व उसके बाद उनके ऑक्सीजन लगाई। इस पूरी प्रक्रिया में वहां काम करने वाले तीन नर्सिंग कर्मियों के हाथ जल गए व जिस रेडियंट बाड़मेर में आग लगी थी। उस मशीन पर सो रही एक बच्ची झुलस गई। मामला शांत होने पर बच्चे के परिजनों को घटना की जानकारी दी गई व बच्ची की हालत गंभीर होने पर उसे तुरंत जयपुर के जेके लोन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान बुधवार सुबह बच्ची ने दम तोड़ दिया है। बच्चे की मौत की जानकारी मिलते ही इस पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।


Conclusion:मामले की जानकारी मिलते ही बच्ची के परिजनों ने अलवर के कलेक्ट्रेट में हंगामा शुरू कर दिया है। परिजनों ने पहले से ही बच्ची को लेने से मना कर दिया था। ऐसे में बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने साफ तौर पर उसका शव लेने से मना कर दिया है। तो वही जयपुर में बच्ची का पोस्टमार्टम चल रहा है। अलवर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी मीणा ने बताया कि बच्ची की मौत की सूचना परिजनों को दे दी गई है। तो वहीं प्रशासन की तरफ से लगातार परिजनों को समझाने का काम किया जा रहा है। पोस्टमार्टम के बाद शव को अलवर लाया जाएगा।
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