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دہلی: 5 سال میں 3730 لڑکیاں لاپتہ

دہلی تحفظ اطفال کمیشن نے گزشتہ 5 برسوں میں لاپتہ ہوئے بچوں کی رپورٹ دہلی حکومت کو سونپی ہے۔ رپورٹ کے مطابق دارالحکومت دہلی میں بچوں کے لاپتہ ہونے کے واقعات میں روز بروز اضافہ ہوتا جارہا ہے۔

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Published : Jul 19, 2019, 12:25 AM IST

لاپتہ ہوئے زیادہ تر بچوں میں لڑکیوں کی تعداد زیادہ ہے۔

رپورٹ کے مطابق سنہ 2014 سے لے کر سنہ 1017 تک 16504 لڑکیاں دہلی سے لاپتہ ہوئی ہیں جن میں سے 3730 لڑکیوں کا اب تک پتہ نہیں چل سکا ہے،جبکہ لاپتہ ہوئے لڑکوں کی تعداد 12918 ہے۔

اب تک لاپتہ ہوئے بچوں میں سے 10849 لڑکوں اور 12774 لڑکوں کو ڈھونڈ لیا گیا ہے، لیکن اب بھی 2096 لڑکے اور 3730 لڑکیاں لاپتہ ہیں۔

دہلی

دہلی حکومت کے سیکریٹری وجئے دیو کا کہنا ہے کہ' دہلی اطفال تحفظ کمیشن کی رپورٹ کے مطابق لاپتہ ہوئے بچوں کو ڈھونڈنے کے لیے سبھی محکموں کو ساتھ مل کر کام کرنا ہوگا۔

پولیس نے لاپتہ بچوں کو ڈھونڈنے کے لیے ایک ایپ بھی بنایا ہے جس میں لاپتہ بچے کی تصویر اپلوڈ کرکے اس کی معلومات دی جاتی ہے اور پولیس کو اسے تلاش کرنے میں آسانی ہوتی ہے۔

لاپتہ ہوئے زیادہ تر بچوں میں لڑکیوں کی تعداد زیادہ ہے۔

رپورٹ کے مطابق سنہ 2014 سے لے کر سنہ 1017 تک 16504 لڑکیاں دہلی سے لاپتہ ہوئی ہیں جن میں سے 3730 لڑکیوں کا اب تک پتہ نہیں چل سکا ہے،جبکہ لاپتہ ہوئے لڑکوں کی تعداد 12918 ہے۔

اب تک لاپتہ ہوئے بچوں میں سے 10849 لڑکوں اور 12774 لڑکوں کو ڈھونڈ لیا گیا ہے، لیکن اب بھی 2096 لڑکے اور 3730 لڑکیاں لاپتہ ہیں۔

دہلی

دہلی حکومت کے سیکریٹری وجئے دیو کا کہنا ہے کہ' دہلی اطفال تحفظ کمیشن کی رپورٹ کے مطابق لاپتہ ہوئے بچوں کو ڈھونڈنے کے لیے سبھی محکموں کو ساتھ مل کر کام کرنا ہوگا۔

پولیس نے لاپتہ بچوں کو ڈھونڈنے کے لیے ایک ایپ بھی بنایا ہے جس میں لاپتہ بچے کی تصویر اپلوڈ کرکے اس کی معلومات دی جاتی ہے اور پولیس کو اسے تلاش کرنے میں آسانی ہوتی ہے۔

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राजधानी में लापता बच्चों को लेकर एक रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपी है. रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में दिनोंदिन लापता बच्चों को ना खोज पाने का प्रतिशत साल दर साल बढ़ता जा रहा है. लापता बच्चों में भी लड़कियों की संख्या अधिक है. ज्यादातर लापता बच्चे प्रवासी लोगों के हैं. जो दिल्ली में मजदूरी के लिए आते हैं और कुछ समय बाद चले जाते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2014 से 2017 तक 16504 लड़कियां दिल्ली से लापता हुई. इनमें से 3730 लड़कियों का अभी कोई सुराग नहीं लग पाया है.


Body:दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 से 2017 तक लापता और बरामद बच्चों का विवरण दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक 2014 से 2017 तक दिल्ली में सबसे ज्यादा लड़कियां लापता हुई हैं. जबकि लापता लड़कों की संख्या 12,918 है. तो वही, लड़कियों की संख्या 16,504 है. लापता लड़कों में से 10849 लड़कों और 12774 लड़कियों को ढूंढ लिया गया. तो वहीं 2069 लड़के और 3730 लड़कियां अभी भी लापता हैं.

दिल्ली के नरेला थाने में दर्ज है सबसे अधिक लापता बच्चों के मामले

दिल्ली में सबसे ज्यादा बच्चे गुम होने के मामले नरेला थाने में दर्ज किए गए हैं. इसके बाद बाहरी दिल्ली के समयपुर बादली, शाहाबाद डेयरी, विजय विहार तो वहीं दक्षिणी दिल्ली के जैतपुर, संगम विहार, उत्तम नगर, भलस्वा डेयरी, डाबड़ी, खजूरी खास, करावल नगर, न्यू उस्मानपुर, महरौली, न्यू अशोक नगर, बेगमपुर, बिंदापुर, बुराड़ी, कापसहेड़ा, गोकुलपुरी और सीमापुरी थाना शामिल है. लापता बच्चों को ढूंढ पाने में समयपुर बादली थाने को सबसे कम सफलता मिली है. तो वहीं नई दिल्ली जिले में सबसे कम बच्चे बीते 5 वर्षों में गुम हुए हैं.

समाप्त, आशुतोष झा


Conclusion: दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग की रिपोर्ट को लेकर कहते हैं बच्चों को खोजने के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा इससे सफलता की दर बढ़ेगी इसमें पुलिस का योगदान सबसे अहम होता है अब लापता बच्चों को तलाशने के लिए पुलिस ने एक मोबाइल एप भी बनाया है जिसके माध्यम से किसी लापता बच्चे को तस्वीर अपलोड करने पर उसमें उसकी जानकारी दर्ज हो जाती है और पुलिस को इसे तलाशने में मदद मिलती हैं

समाप्त, आशुतोष झा
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