आराकोट-चिंवा मोटर मार्ग कई दिनों से बंद, ग्रामीणों ने लगाई मदद की गुहार
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उत्तरकाशी के आराकोट-चिंवा मोटर मार्ग जगह-जगह भूस्खलन की वजह से बंद पड़ा हुआ है. सड़क बंद होने की वजह से कोठिगाड़ घाटी के कई गांवों का संपर्क मुख्यालय से कटा हुआ है. ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर पैदल ही मीलों दूर सफर करने को मजूबर हैं. खासकर बीमार, गर्भवतियों को अस्पताल पहुंचाने में समस्या हो रही है. सड़क पर कहीं पेड़ गिरे हैं तो कहीं पर मलबा आया हुआ है. कहीं पर सड़क का हिस्सा भी बह गया है. ऐसे में लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है.
अब सेब का सीजन भी शुरू होने वाला है, लेकिन सड़क की हाल बेहद खस्ता है. खासकर मोल्डी के पास भूस्खलन जोन थोड़ी सी बारिश में सक्रिय हो जाता है. जिसके चलते मार्ग बाधित हो जाता है. इस बार भी भारी मात्रा में भूस्खलन हुआ है. अभी तो पूरा मॉनसून सीजन बाकी है. हालात और भी बिगड़ सकते हैं. ऐसे में बागवानों को सेबों को मंडी तक पहुंचाने की चिंता सताने लगी है.
सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन चौहान समेत अन्य लोगों का कहना है कि बीते एक हफ्ते से आराकोट चिंवा मोटर मार्ग बंद है. जिसकी कोई सुध लेना वाला नहीं है. अब जाकर सड़क को खोलने का काम किया जा रहा है, लेकिन मलबा इतना ज्यादा है कि सड़क खुलने में कई दिन लग सकते हैं. उनका ये भी कहना है कि पहली बारिश में सड़कों के ये हाल हैं तो आगे स्थिति और भी खराब हो सकती है. उन्होंने उपेक्षा का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं क्षेत्र में बिजली, पानी समेत नेटवर्क की समस्या बनी हुई है.
गौर हो कि साल 2019 में यह क्षेत्र आपदा की मार झेल चुका है. उस आपदा में कई लोगों की जान चली गई थी. लोगों के खेत, बगीचे और वाहन सब तबाह हो गया था. दो हेलीकॉप्टर भी दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे. इस आपदा के बाद भी क्षेत्र की स्थिति जस की तस बनी हुई है. दूचाणू किराणू को जोड़ने वाला पुल अभी तक तैयार नहीं किया जा सका है. स्कूल, अस्पताल के भवन नहीं बनाए जा सके हैं. सड़कों के हाल तो और भी बुरे हैं.