ढोल बजाकर ऊषा ने तोड़ी ढोल वादन की पंरपरा, बनाया आर्थिकी का सहारा - मिसाल
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आंखों में आत्मविश्वास की चमक, चेहरे पर मासूमियत और इरादे चट्टान की तरह बुलंद, पीठ पर ढोल और तेज हाथों से थाप देती महिला.. जिस किसी ने भी इस महिला को देखा वो इसका कायल हो गया. ढोल बजाती ये महिला टिहरी के हटवाल गांव की रहने वाली ऊषा देवी हैं. जो कि ढोलवादन कर पुरुषों के वर्चस्व को भी चुनौती दे रही हैं. ढोल वादन की पंरपरा को तोड़ते हुए इस महिला ने समाज के लिए एक नई मिसाल कायम की है. ऊषा शादी-समारोह, नवरात्री, हरियाली जैसे कई कार्यक्रमों में ढोल बजाती हैं और इस काम में उनके पति और बेटा उनकी संगत करता है. आठवीं पास ऊषा आज सांस्कृतिक आयोजनों में महिलाओं की पहली पसंद बन गई हैं.
Last Updated : Feb 28, 2019, 11:56 PM IST