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GROUND REPORT: उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त गांवों में पटरी पर लौट रही जिंदगी, मदद को बढ़े हाथ

उत्तरकाशी के मांडो और कंकराड़ी गांव में आई आपदा के बाद अब एक बार फिर जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है. इस गांव के ग्रामीणों द्वारा घरों से मलबा हटाने और सामानों को व्यवस्थित करने की कोशिश की जा रही है. जिनकी मदद प्रशासन के साथ-साथ यूथ फाउंडेशन के युवा भी कर रहे हैं.

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Published : Jul 23, 2021, 9:03 AM IST

Updated : Jul 23, 2021, 5:25 PM IST

उत्तरकाशी: तीन दिन पूर्व मांडो गांव में आई आपदा के बाद अब जिंदगी पटरी पर लौटने की कोशिश कर रही है. ग्रामीण अपने घरों से मलबा हटाने में जुटे हुए है. साथ ही अपने घर और सामानों को व्यवस्थित करने की कोशिश कर रहे हैं. जिला प्रशासन की ओर से मलबा हटाने के लिए दो जेसीबी और एक पोकलैंड काम कर रही है. गांव में बिजली और पानी की व्यवस्थाएं भी दुरस्त कर दी गई है. वहीं यूथ फाउंडेशन के युवा भी ग्रामीणों की मदद कर रहे हैं.

बता दें कि, बीती 18 जुलाई की रात निराकोट गांव में बादल फटने से निराकोट सहित कंकराड़ी और मांडो गांव में भारी तबाही हुई थी, मांडो गांव में आए सैलाब में मासूम (6) समेत तीन लोगों की मौत हो गई था. करीब 6 से 7 घरों में मलबा घुस गया था. जहां से लोगों ने बमुश्किल भागकर अपनी जान बचाई. जिला प्रशासन सहित आपदा प्रबधन विभाग, पुलिस और एसडीआरएफ ने राहत बचाव के लिए गांव में मोर्चा संभाला.

आपदाग्रस्त गांवों में पटरी पर लौट रही जिंदगी.

पढ़ें: उत्तरकाशी: मांडो गांव में राहत-बचाव कार्यों में तेजी, SDRF और NDRF ने संभाला मोर्चा

वहीं, बीती बुधवार को सीएम पुष्कर धामी ने मांडो और कंकराड़ी गांव का निरीक्षण किया. उन्होंने मांडो गांव में जिला प्रशासन को विस्थापन के निर्देश दिए थे. कंकराड़ी गांव में भी पूर्व में आई आपदा से भारी नुकसान हुआ है. यहां बादल फटने के कारण उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग पर बने साड़ा पुल क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके बाद अब लोक निर्माण विभाग ने साड़ा वैली ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है.

18 जुलाई को आई आपदा: बीते 18 जुलाई की रात निराकोट, मांडो, कंकराड़ी और सिरोर गांव में आई आपदा के कारण भारी तबाही मच गई थी. जिसके बाद 12 जुलाई को मुख्यमंत्री धामी दोपहर करीब 12 बजे हेलीकॉप्टर से आपदा प्रभावित मांडो और कंकराड़ी गांव पहुंचे और आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया. सीएम ने मांडो गांव पहुंचकर मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी और ग्रामीणों की मांग को मानते हुए डीएम को गांव के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए थे.

कंकराड़ी भी पहुंचे सीएम: मांडो गांव के बाद मुख्यमंत्री धामी कंकराड़ी गांव पहुंचे, यहां उन्होंने आपदा में मृतक सुमन के परिजनों से मुलाकात की और परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया. परिवार से किसी एक को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन भी सीएम ने दिया था.

मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख का मुआवजा: बीते 21 जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी आपदा प्रभावित गांव मांडो और कंकराड़ी के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने मांडो और कंकराड़ी गांव में मारे गये लोगों के परिजनों को 4-4 लाख की धनराशि देने की बात कही. साथ ही 1-1 लाख की धनराशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से देने की बात कही. इस तरह से उत्तरकाशी आपदा में मारे गये लोगों के परिजनों को 5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा.

धामी को झेलना पड़ा विरोध: इस दौरान आपदा प्रभावितों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चारों तरफ से घेर लिया और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान आपदा पीड़ितों ने कहा कि उनकी कोई नहीं सुन रहा है और वह बीजेपी मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. वहीं, मुख्यमंत्री ने भी सभी आपदा पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि उनकी हरसंभव मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के विस्थापन की कार्यवाही की जा रही है.

उत्तरकाशी: तीन दिन पूर्व मांडो गांव में आई आपदा के बाद अब जिंदगी पटरी पर लौटने की कोशिश कर रही है. ग्रामीण अपने घरों से मलबा हटाने में जुटे हुए है. साथ ही अपने घर और सामानों को व्यवस्थित करने की कोशिश कर रहे हैं. जिला प्रशासन की ओर से मलबा हटाने के लिए दो जेसीबी और एक पोकलैंड काम कर रही है. गांव में बिजली और पानी की व्यवस्थाएं भी दुरस्त कर दी गई है. वहीं यूथ फाउंडेशन के युवा भी ग्रामीणों की मदद कर रहे हैं.

बता दें कि, बीती 18 जुलाई की रात निराकोट गांव में बादल फटने से निराकोट सहित कंकराड़ी और मांडो गांव में भारी तबाही हुई थी, मांडो गांव में आए सैलाब में मासूम (6) समेत तीन लोगों की मौत हो गई था. करीब 6 से 7 घरों में मलबा घुस गया था. जहां से लोगों ने बमुश्किल भागकर अपनी जान बचाई. जिला प्रशासन सहित आपदा प्रबधन विभाग, पुलिस और एसडीआरएफ ने राहत बचाव के लिए गांव में मोर्चा संभाला.

आपदाग्रस्त गांवों में पटरी पर लौट रही जिंदगी.

पढ़ें: उत्तरकाशी: मांडो गांव में राहत-बचाव कार्यों में तेजी, SDRF और NDRF ने संभाला मोर्चा

वहीं, बीती बुधवार को सीएम पुष्कर धामी ने मांडो और कंकराड़ी गांव का निरीक्षण किया. उन्होंने मांडो गांव में जिला प्रशासन को विस्थापन के निर्देश दिए थे. कंकराड़ी गांव में भी पूर्व में आई आपदा से भारी नुकसान हुआ है. यहां बादल फटने के कारण उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग पर बने साड़ा पुल क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके बाद अब लोक निर्माण विभाग ने साड़ा वैली ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है.

18 जुलाई को आई आपदा: बीते 18 जुलाई की रात निराकोट, मांडो, कंकराड़ी और सिरोर गांव में आई आपदा के कारण भारी तबाही मच गई थी. जिसके बाद 12 जुलाई को मुख्यमंत्री धामी दोपहर करीब 12 बजे हेलीकॉप्टर से आपदा प्रभावित मांडो और कंकराड़ी गांव पहुंचे और आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया. सीएम ने मांडो गांव पहुंचकर मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी और ग्रामीणों की मांग को मानते हुए डीएम को गांव के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए थे.

कंकराड़ी भी पहुंचे सीएम: मांडो गांव के बाद मुख्यमंत्री धामी कंकराड़ी गांव पहुंचे, यहां उन्होंने आपदा में मृतक सुमन के परिजनों से मुलाकात की और परिवार को हरसंभव मदद का भरोसा दिया. परिवार से किसी एक को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन भी सीएम ने दिया था.

मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख का मुआवजा: बीते 21 जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी आपदा प्रभावित गांव मांडो और कंकराड़ी के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने मांडो और कंकराड़ी गांव में मारे गये लोगों के परिजनों को 4-4 लाख की धनराशि देने की बात कही. साथ ही 1-1 लाख की धनराशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से देने की बात कही. इस तरह से उत्तरकाशी आपदा में मारे गये लोगों के परिजनों को 5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा.

धामी को झेलना पड़ा विरोध: इस दौरान आपदा प्रभावितों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चारों तरफ से घेर लिया और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान आपदा पीड़ितों ने कहा कि उनकी कोई नहीं सुन रहा है और वह बीजेपी मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. वहीं, मुख्यमंत्री ने भी सभी आपदा पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि उनकी हरसंभव मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के विस्थापन की कार्यवाही की जा रही है.

Last Updated : Jul 23, 2021, 5:25 PM IST
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