उत्तरकाशी: उत्तराखंड में शासन-प्रशासन की सुस्ती किसी से छुपी नहीं हैं. सरकार के फरमानों के बावजूद अधिकारी विकास कार्य में तेजी नहीं ला पा रहे हैं. इसकी बानगी उत्तरकाशी के वार्ड नंबर 11 ज्ञानशू में देखने को मिली. जहां महिलाओं ने खुद ही अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त किया.
गौर हो कि मंगलवार को वार्ड नम्बर 11 ज्ञानशू की महिलाओं ने सिंचाई नहर पर हुए हाईप्रोफाइल अतिक्रमण को मुक्त किया. ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि ज्ञानशू में गंगोत्री हाई-वे से सटी उनकी वर्षों पुरानी सिंचाई नहर है. जहां वे सालभर अपनी सिंचित भूमि पर खेती करते हैं. लेकिन अब वहां कॉम्प्लेक्स का निर्माण कर रहे शहर के एक व्यापारी ने ग्रामीणों की सिंचाई नहर को बंद कर दिया है. जिससे महिलाओं का पारा चढ़ा हुआ था और उन्होंने मौके पर पहुंचकर खुद अतिक्रमण हटाया.
स्थानीय सभासद सविता भट्ट का कहना है कि प्रशासन के उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं गया. जिससे लोगों में खासा आक्रोश था. उन्होंने कहा कि शहर के रसूकदार व्यक्ति का कॉम्प्लेक्स होने के कारण अधिकारी इस मामले में कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं. वहीं, वार्ड नम्बर 11 ज्ञानशू की सभासद ने बताया कि पहले अतिक्रमण कर रहे व्यापारी ने कहा था कि वह सिंचाई नहर को जो नुकसान होगा, उसे ठीक किया जाएगा.
लेकिन अब व्यापारी ने अपने कॉम्प्लेक्स को बढ़ाने के लिए स्थानीय लोगों की सिंचाई नहर को पूरी तरह बंदकर अतिक्रमण कर दिया है. जिसकी शिकायत उन्होंने जिलाधिकारी को भी की. बावजूद उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. जिस कारण महिलाओं ने नहर को बचाने के लिए स्वयं अतिक्रमण हटाना पड़ रहा है. नहर बंद होने के कारण अब ग्रामीण महिलाओं को आगे धान की रुपाई के लिए संकट पैदा हो गया है और उन्हें खेतों की सिंचाई के लिए पानी की चिंता सता रही है.