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गंगोत्री में खतरे से ऊपर बह रही गंगा, प्रशासन नहीं ले रहा कोई सुध - गंगोत्री धाम में नहीं हो रहा घाटों का पुनर्निमाण

साल 2012 और 13 की आपदा के दौरान गंगोत्री धाम के स्नान घाट बह गए थे, तब से अब तक धाम में घाटों का पुनर्निमाण नहीं हो पाया है. अगर इसी तरह गंगोत्री धाम की अनदेखी चलती रही तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है.

गंगोत्री नदी का बढ़ा जलस्तर
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Published : Jul 30, 2019, 11:54 AM IST

उत्तरकाशी: सावन के महीने में भगीरथी नदी का पानी एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. ऐसे में गंगोत्री धाम में घाटों का निर्माण ना होने और जलस्तर बढ़ने के चलते श्रद्धालु भी नदी में स्नान नहीं कर पाएंगे. वहीं, मंदिर समिति का कहना है कि नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगोत्री धाम में भी खतरा मंडराने लगा है.

गंगोत्री नदी का बढ़ा जलस्तर

बता दें कि गंगोत्री धाम में बरसात के दौरान गंगा का जलस्तर हर बार बढ़ जाता है. सोमवार को गंगोत्री धाम में ये नजारा देखने को मिला. जब नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी स्नान घाटों के ऊपर बह रहा था. ऐसे में श्रद्धालु भी जान जोखिम में डालकर घाटों पर स्नान और गंगा जल भर रहे हैं.

मंदिर समिति का आरोप है कि सालों से भगीरथी नदी में सिल्ट जमा होने और घाटों का पुनर्निमाण में देरी होने के कारण गंगोत्री धाम पर भी खतरा बना हुआ है. यहां नदी का पानी स्नान घाटों के ऊपर बह रहा है. जबकि, कई बार प्रशासन को इसकी सूचना दी गई लेकिन मामला सिफर ही रहा. वैसे ये पहली बार नहीं है जब भगीरथी का जलस्तर इतना बढ़ा हो. पूर्व के वर्षों में भी गंगा नदी विकराल रूप धारण कर कर चुकी हैं, लेकिन उसके बाद भी गंगा घाटों का पुनर्निमाण कार्य नहीं हो पाया है.

गंगोत्री धाम मन्दिर समिति के सह सचिव राजेश सेमवाल का कहना है कि साल 2012 और 13 की आपदा के दौरान गंगोत्री धाम के स्नान घाट बह गए थे, तब से अबतक धाम में नए घाटों का निर्माण नहीं हो पाया है. साथ ही श्रद्धालुओं के स्नान के लिए भी कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किये गए हैं. जिसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

उत्तरकाशी: सावन के महीने में भगीरथी नदी का पानी एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. ऐसे में गंगोत्री धाम में घाटों का निर्माण ना होने और जलस्तर बढ़ने के चलते श्रद्धालु भी नदी में स्नान नहीं कर पाएंगे. वहीं, मंदिर समिति का कहना है कि नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगोत्री धाम में भी खतरा मंडराने लगा है.

गंगोत्री नदी का बढ़ा जलस्तर

बता दें कि गंगोत्री धाम में बरसात के दौरान गंगा का जलस्तर हर बार बढ़ जाता है. सोमवार को गंगोत्री धाम में ये नजारा देखने को मिला. जब नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी स्नान घाटों के ऊपर बह रहा था. ऐसे में श्रद्धालु भी जान जोखिम में डालकर घाटों पर स्नान और गंगा जल भर रहे हैं.

मंदिर समिति का आरोप है कि सालों से भगीरथी नदी में सिल्ट जमा होने और घाटों का पुनर्निमाण में देरी होने के कारण गंगोत्री धाम पर भी खतरा बना हुआ है. यहां नदी का पानी स्नान घाटों के ऊपर बह रहा है. जबकि, कई बार प्रशासन को इसकी सूचना दी गई लेकिन मामला सिफर ही रहा. वैसे ये पहली बार नहीं है जब भगीरथी का जलस्तर इतना बढ़ा हो. पूर्व के वर्षों में भी गंगा नदी विकराल रूप धारण कर कर चुकी हैं, लेकिन उसके बाद भी गंगा घाटों का पुनर्निमाण कार्य नहीं हो पाया है.

गंगोत्री धाम मन्दिर समिति के सह सचिव राजेश सेमवाल का कहना है कि साल 2012 और 13 की आपदा के दौरान गंगोत्री धाम के स्नान घाट बह गए थे, तब से अबतक धाम में नए घाटों का निर्माण नहीं हो पाया है. साथ ही श्रद्धालुओं के स्नान के लिए भी कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किये गए हैं. जिसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

Intro:सावन माह में गंगा(भागीरथी) नदी एक बार फिर उफान पर आ गई है। घाटों का निर्माण न होने कारण अब भागीरथी नदी का जलस्तर स्नान घाटों के ऊपर बहने लगा है। गंगोत्री धाम मंदिर समिति का कहना है कि समय पर घाटों में सुरक्षा की व्यवस्था न होने के कारण नुकसान भी बना रहता है। उत्तरकाशी। सावन माह में गंगोत्री धाम में गंगा(भागीरथी) नदी एक बार फिर उफान पर बह रही है। वर्षों से नदी में जमा सिल्ट और समय पर क्षतिग्रस्त घाटों के निर्माण में देरी के कारण सोमवार को गंगा गंगोत्री धाम में स्नान घाटों के ऊपर से बह रही थी। जिससे गंगोत्री धाम में घाटों पर लगातार दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। गंगोत्री मन्दिर समिति का कहना है कि बरसात के दौरान विगत वर्षों में गंगा का जलस्तर कई बार बढ़ने के कारण भागीरथी शिला तक पहुंचा। जिससे कि धाम में कई बार बड़े नुकसान का खतरा सताता रहता है। कई बार शांसन प्रशासन तक अलग-अलग माध्यमो से गंगोत्री धाम में घाटों की सुरक्षा की मांग पहुंचाई गई।लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं हो रहा है। जिससे कि गंगोत्री धाम में हमेशा से गंगा घाटों पर स्नान करने और जल भरने वाले श्रद्धालुओं के लिए खतरा बना रहता है। मंदिर समिति का कहना है कि शायद शांसन प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।


Body:वीओ-1 , गंगोत्री धाम में बरसात के दौरान गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सोमवार को गंगोत्री धाम में गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण स्नान घाटों के ऊपर बह रही है। जिस कारण श्रद्धालु लगातार जान जोखिम में डालकर गंगा घाटों पर स्नान और जल भर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है कि गंगा का जलस्तर गंगोत्री धाम में बढा हो। इससे पूर्व के वर्षों में भी गंगा का विकराल रूप गंगोत्री धाम के बाशिन्दों और यात्रियों के मन मे कई बार भय उतपन्न कर चुका है। लेकिन उसके बाद भी आज तक गंगोत्री में गंगा घाटों पर सुरक्षा का कार्य नहीं हो पाया है। वर्ष 2012 और 13 की आपदा से अब तक गंगोत्री धाम में घाटों का निर्माण नहीं हो पाया है।


Conclusion:वीओ-2, गंगोत्री धाम मन्दिर समिति के सह सचिव राजेश सेमवाल का कहना है कि बरसात के दौरान हर वर्ष गंगोत्री धाम में गंगा विकराल रूप में रहती है। गंगा का जलस्तर कब बढ़ जाये। यह किसीको भी पता नहीं। सेमवाल का कहना है कि वर्ष 2012 और 13 कि आपदा के दौरान गंगोत्री धाम के गंगा स्नान घाट बह गए थे। तब से अब तक घाटों का न ही निर्माण हो पाया है और न ही सुरक्षा के कार्य हो पाए हैं। कहा कि कई बार जलस्तर भागीरथी शिला तक पहुंच जाता है। जिससे कि धाम में लगातार हादसों का खतरा बना रहता है। कहा कि अगर इसी प्रकार गंगोत्री की अनदेखी की गई। तो कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। बाईट- राजेश सेमवाल, सह सचिव,गंगोत्री धाम मन्दिर समिति।

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