उत्तरकाशी: हर्षिल में सेना को वन भूमि हस्तांतरण पर आपत्ति जताने वाले ग्रामीणों की सेना, प्रशासन व वन विभाग के साथ बैठक हुई. इसमें ग्रामीणों की आपत्तियों के निराकरण के लिए संयुक्त समिति गठित करने का निर्णय लिया गया. हर्षिल में सेना के युद्धाभ्यास के लिए 477 एकड़ वन भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई चल रही है. ग्रामीणों को इसकी भनक लगने के बाद से ही वे वन भूमि हस्तांतरण से उनके हक हकूक प्रभावित होने को लेकर चिंतित है.
हर्षिल में ग्रामीणों की सेना, प्रशासन व वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई. हर्षिल वन पंचायत के अध्यक्ष माधवेंद्र रावत ने उनकी निजी भूमि से सेना को 100 मीटर दूर जमीन देने, पारंपरिक रास्तों व धार्मिक स्थलों पर रोका-टोक न करने की मांग रखी. साथ ही वन भूमि की जमीन को बिना एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) हस्तांतरण पर भी सवाल उठाए.
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एसडीएम भटवाड़ी सीएस चौहान ने बताया कि ग्रामीणों की आपत्तियों के निराकरण के लिए संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा जिसमें प्रशासन, सेना, वन विभाग के अधिकारियों के साथ ग्रामीण होंगे. समिति निरीक्षण कर ग्रामीणों की आपत्तियों के निस्तारण का प्रयास करेगी.