उत्तरकाशीः वर्ष 2012-13 की आपदा से क्षतिग्रस्त गंगोरी-डोडीताल मोटर मार्ग के सुधारीकरण की मांग को लेकर करीब 8 गांव के ग्रामीण कलेक्ट्रेट में ढोल-दमाऊ के साथ जमकर गरजे. अस्सी गंगा घाटी के ग्रामीणों ने 'रोड नहीं तो वोट नहीं' के नारों के साथ कहा कि आपदा के 8 साल बाद भी विश्व पर्यटन स्थल डोडीताल और करीब 8 गांव की लाइफलाइन गंगोरी डोडीताल सड़क अपनी बदहाली के आंसू बहा रही है. दूसरी तरफ PMGSY के अधिकारी कोरे आश्वासन देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं.
सोमवार को अस्सी गंगा घाटी के अगोड़ा, ढासड़ा सहित दंदलका, भंकोली, गजोली, नौगांव, नाल्ड के ग्रामीण भटवाड़ी रोड पर एकत्रित हुए और उसके बाद कलेक्ट्रेट परिसर तक ढोल-दमाऊ और नारेबाजी के साथ जुलूस निकाला. ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2012-13 की आपदा में गंगोरी से संगमचट्टी तक की सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी. साथ ही उसके बाद संगमचट्टी से अगोड़ा तक सड़क निर्माण हुआ. लेकिन पीएमजीएसवाई विभाग ने सड़क को सुधारने की बजाय मात्र ठेकेदार बदलने का सिलसिला जारी रखा. हालांकि सड़क की हालत अभी भी बदली नहीं है.
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अस्सी गंगा घाटी के ग्रामीणों ने कहा कि 8 साल बाद भी उनके आपदा के जख्म नहीं भर पाए हैं. आज भी हर दिन ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते हैं. हर दिन ग्रामीण मौत से जूझते हैं. लेकिन कहीं पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार रोड नहीं दे सकती तो 2022 के विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा.