उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री नेशनल पार्क ग्रीष्मकाल में 6 माह के लिए आज से पार्क प्रशासन की ओर से खोल दिया गया है. विगत वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से गंगोत्री नेशनल पार्क में बहुत कम पर्वतारोही और पर्यटक पहुंचे थे. वहीं, पार्क प्रशासन को उम्मीद है कि अगर कोरोना दोबारा नहीं बढ़ता है तो इस बार बड़ी संख्या में पर्यटक और पर्वतारोही गंगोत्री नेशनल पार्क का रुख करेंगे.
आज शासन के आदेश पर गंगोत्री नेशनल पार्क के कनखू बैरियर गेट को ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिया गया है. गंगोत्री नेशनल पार्क करीब 1800 मीटर से 7083 मीटर की ऊंचाई तक करीब 2390 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला है. जिसमें गंगा का उद्गम गौमुख सहित गंगोत्री ग्लेशियर, डोकरानी ग्लेशियर में स्थित शिवलिंग, सतोपंथ जैसी गगनचुम्बी हिमशिखर हैं.
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हर वर्ष हजारों देशी-विदेशी पर्यटक और पर्वतारोही गंगोत्री नेशनल पार्क में पहुंचते हैं. साथ ही स्नो लेपर्ड, भरल जैसी दुर्लभ वन्यजीव प्रजातियों के लिए यह पार्क विश्व विख्यात है. गंगोत्री नेशनल पार्क के अंर्तगत ही विश्व का सबसे खतरनाक मार्ग गड़तांग गली सहित भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटी खूबसूरत नेलांग और जाडुंग घाटी है.
गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक आरएन श्रीवास्तव ने कहा कि पार्क के गेट मुख्य कनखू बैरियर खोल दिये गए हैं. 2019-20 में पार्क को पर्यटकों और पर्वतारोहियों के पहुंचने से 60 लाख की आय हुई थी. गत वर्ष कोरोनाकाल में अनलॉक में छूट मिलने के बाद करीब 11 लाख की आय हुई थी. श्रीवास्तव ने कहा कि इस वर्ष भी हालांकि कोरोना बढ़ने लगा है, लेकिन अगर सब ठीक रहा, तो गंगोत्री नेशनल पार्क दोबारा पर्यटकों से गुलजार होने की उम्मीद है.