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पूर्व PM वाजपेयी पुण्यतिथिः हर्षिल को बताया था स्विजरलैंड से भी ज्यादा खूबसूरत - पूर्व PM वाजपेयी पुण्यतिथि

आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्य तिथि मनाई जा रही है. इस दैरान उत्तरकाशी में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. अटल जी का उत्तरकाशी से विशेष लगाव था. जनसंघ से जुड़े नेता सूरतराम नौटियाल ने भी अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि.
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Published : Aug 16, 2019, 9:12 PM IST

उत्तरकाशी: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्य तिथि मनाई जा रही है. इसी कड़ी में सीमांत जनपद उत्तरकाशी में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तरकाशी से विशेष लगाव था. वे 1986 और 88 में दो बार उत्तरकाशी दौरे पर आए थे. उन्होंने गंगोत्री यात्रा के दौरान हर्षिल की खूबसूरती को नजदीकी से निहारा था. जिसे देख उन्होंने कहा था कि यह स्थान स्विजरलैंड से भी खूबसूरत है.

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अटल जी ने मां गंगा से लिया था आशीर्वाद

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तरकाशी से विशेष लगाव था. अटल जी 1986 और 88 में दो बार उत्तरकाशी दौरे पर आए थे. गंगोत्री यात्रा के दौरान अटल जी का एक रोचक किस्सा भी है. गंगोत्री धाम पर गए अटल जी से पुरोहित कमलेश सेमवाल ने गंगा जी की पूजा करवाई थी. पूजा उपरान्त अटल जी ने पुरोहित से दक्षिणा पूछी.

इसपर पुरोहित ने उनसे दक्षिणा लेने से मना कर दिया और कहा कि "आप से दक्षिणा नहीं लूंगा, बल्कि मां गंगा के आशीर्वाद से आप एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे". इसपर अटल जी अचंभित रह गए. इसके बाद 1996 में जब अटल जी 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने पुरोहित कमलेश सेमवाल को शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली आमंत्रित किया था.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि.

तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने अटल जी

अटल बिहारी वाजपेयी सबसे पहले1996 में प्रधानमंत्री बने थे. अपनी बहुमत साबित न कर पाने के कारण से उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद1998 में दूसरी बार वह प्रधानमंत्री बने. सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए. 13 अक्टूबर 1999 को वह तीसरी बार प्रधानमंत्री बने. अटल बिहारी वाजपेयी ने इस बार 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया.

जनसंघ से जुड़े नेता सूरतराम नौटियाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को इनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने अटल जी को याद करते हुए कहा कि उनके जैसा विलक्षण विभूति शायद ही कभी होगा. सूरतराम नौटियाल ने बताया कि गंगोत्री से पूर्व अटल जी ने भटवाड़ी में रात्रि विश्राम के दौरान हर्षिल देखने की इच्छा जताई थी.

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जब अटल जी तत्कालीन भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह और जिला महामंत्री सूरतराम नौटियाल के साथ हर्षिल पहुंचे तो उन्होंने गंगोत्री को स्विजरलैंड से भी खूबसूरत बताया. उसके बाद उन्होंने गंगोत्री धाम के दर्शन कर भटवाड़ी रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित किया था. नौटियाल ने कहा कि अटल जी कहते थे कि कभी उनकी सरकार आएगी तो उत्तराखंड को अलग राज्य बनाएंगे और आखिर अटल जी की सरकार ने पृथक राज्य की परिकल्पना को साकार किया था.

उत्तरकाशी: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्य तिथि मनाई जा रही है. इसी कड़ी में सीमांत जनपद उत्तरकाशी में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तरकाशी से विशेष लगाव था. वे 1986 और 88 में दो बार उत्तरकाशी दौरे पर आए थे. उन्होंने गंगोत्री यात्रा के दौरान हर्षिल की खूबसूरती को नजदीकी से निहारा था. जिसे देख उन्होंने कहा था कि यह स्थान स्विजरलैंड से भी खूबसूरत है.

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अटल जी ने मां गंगा से लिया था आशीर्वाद

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तरकाशी से विशेष लगाव था. अटल जी 1986 और 88 में दो बार उत्तरकाशी दौरे पर आए थे. गंगोत्री यात्रा के दौरान अटल जी का एक रोचक किस्सा भी है. गंगोत्री धाम पर गए अटल जी से पुरोहित कमलेश सेमवाल ने गंगा जी की पूजा करवाई थी. पूजा उपरान्त अटल जी ने पुरोहित से दक्षिणा पूछी.

इसपर पुरोहित ने उनसे दक्षिणा लेने से मना कर दिया और कहा कि "आप से दक्षिणा नहीं लूंगा, बल्कि मां गंगा के आशीर्वाद से आप एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे". इसपर अटल जी अचंभित रह गए. इसके बाद 1996 में जब अटल जी 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने पुरोहित कमलेश सेमवाल को शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली आमंत्रित किया था.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि.

तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने अटल जी

अटल बिहारी वाजपेयी सबसे पहले1996 में प्रधानमंत्री बने थे. अपनी बहुमत साबित न कर पाने के कारण से उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद1998 में दूसरी बार वह प्रधानमंत्री बने. सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए. 13 अक्टूबर 1999 को वह तीसरी बार प्रधानमंत्री बने. अटल बिहारी वाजपेयी ने इस बार 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया.

जनसंघ से जुड़े नेता सूरतराम नौटियाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को इनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने अटल जी को याद करते हुए कहा कि उनके जैसा विलक्षण विभूति शायद ही कभी होगा. सूरतराम नौटियाल ने बताया कि गंगोत्री से पूर्व अटल जी ने भटवाड़ी में रात्रि विश्राम के दौरान हर्षिल देखने की इच्छा जताई थी.

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जब अटल जी तत्कालीन भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह और जिला महामंत्री सूरतराम नौटियाल के साथ हर्षिल पहुंचे तो उन्होंने गंगोत्री को स्विजरलैंड से भी खूबसूरत बताया. उसके बाद उन्होंने गंगोत्री धाम के दर्शन कर भटवाड़ी रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित किया था. नौटियाल ने कहा कि अटल जी कहते थे कि कभी उनकी सरकार आएगी तो उत्तराखंड को अलग राज्य बनाएंगे और आखिर अटल जी की सरकार ने पृथक राज्य की परिकल्पना को साकार किया था.

Intro:देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी माँ गंगा के आशीर्वाद से प्रधानमंत्री बने थे। गंगोत्री प्रवास के दौरान गंगोत्री धाम के पुरोहित कमलेश सेमवाल ने अटल जी के सामने कहा था कि आप प्रधानमंत्री बनेंगे। तो अटल जी ने भी पहली बार पीएम बनने पर शपथ ग्रहण में गंगोत्री पुरोहित को आमंत्रण दिया था। उत्तरकाशी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तरकाशी से विशेष लगाव था। अटल जी 1986 और 88 में दो बार उत्तरकाशी दौरे पर आए थे। अटल जी से गंगोत्री यात्रा के दौरान एक रोचक किस्सा हुआ। गंगोत्री में धाम के पुरोहित कमलेश सेमवाल ने जब अटल जी से गंगा जी की पूजा करवाई थी। तब अटल जी ने दक्षिणा पूछी थी। तो पुरोहित ने कहा कि आप से दक्षिणा नहीं लूंगा। बल्कि मा गंगे के आशीर्वाद से एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे। जिसको अटल जी ने सहज लेते हुए कहा कि हम तो चार सीट नहीं ला पाए। तो प्रधानमंत्री कहां? पुरोहित ने कहा कि हमने कह दिया। उसके बाद जब अटल जी प्रधानमंत्री बने। तो उन्होंने कमलेश सेमवाल को शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली आमंत्रित किया था। अटल जी प्रथम पुण्यतिथि पर etv bharat की स्पेशल रिपोर्ट ।


Body:वीओ-1, जनसंघ से जुड़े नेता सूरतराम नौटियाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उनके जैसा विलक्षण विभूति शायद ही कभी होंगे। नौटियाल ने बताया कि 1986 में अटल जी बलरामपुर से चुनाव हारने के बाद गंगोत्री धाम आये थे। उस समय पार्टी की कुल 4 सीटें आई थी। गंगोत्री धाम में तत्कालीन गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव कमलेश सेमवाल ने अटल जी से गंगा की पूजा करवाई थी। पूजा के बाद कमलेश सेमवाल ने कहा था कि आप एक दिन देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। तब अटल जी ने कहा था कि यहां चार दिशाओं में नहीं जीत पाए। तो प्रधानमंत्री बनना तो दूर की बात। जब अटल जी 1996 में प्रधानमंत्री बने,तो उन्होंने कमलेश सेमवाल को आमंत्रण दिया था। लेकिन सेमवाल नहीं गए और भोजपत्र पर अटल जी को शुभकामना संदेश भेजा था और कहा कि गंगा की कृपा रही,तो आप निरन्तर प्रधानमंत्री बनकर देश की सेवा करेंगे।


Conclusion:वीओ-2, सूरतराम नौटियाल ने बताया कि गंगोत्री से पूर्व अटल जी ने भटवाड़ी में रात्रि विश्राम के दौरान हर्षिल देखने की इच्छा जताई थी। जब अटल जी तत्कालीन भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह और जिला महामंत्री सूरतराम नौटियाल के साथ हर्षिल पहुंचे। तो उन्होंने कहा कि यह तो स्विजरलैंड से भी खूबसूरत है। प्रकृति ने खुद यहाँ रंग भरे हैं। उसके बाद उन्होंने गंगोत्री धाम के दर्शन के बाद भटवाड़ी रामलीला मैदान में जनसभा को सम्बोधित किया था। नौटियाल ने कहा कि अटल जी कहते थे कि कभी उनकी सरकार आएगी। तो उत्तरांचल को अलग राज्य बनाएंगे और आखिर अटल जी की सरकार ने पृथक राज्य की परिकल्पना को साकार किया था। बाईट- सूरतराम नौटियाल,पूर्व चारधाम परिषद उपाध्यक्ष।

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