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गजब! पर्यटन विभाग का नया कारनामा, नदी के बीचों-बीच बना दिए हट - एनजीटी

पर्यटन विभाग हर्षिल में जलंधरी नदी के स्पान के बीचों-बीच करीब 10 हटों का निर्माण कर रहा है. जो भविष्य में कभी भी सरकारी संपति का नुकसान के साथ वहां पर ठहरने वाले पर्यटकों की जान के साथ भी खिलवाड़ हो सकता है.

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Published : Mar 4, 2020, 11:55 PM IST

उत्तरकाशीः हर्षिल में पर्यटन विभाग का एक नया कारनामा सामने आया है. यहां पर पर्यटन विभाग की ओर से हर्षिल और बगोरी के बीच हटों का निर्माण किया जा रहा है. जो जलंधरी नदी के स्पान के बीच में स्थित है. जबकि, उत्तरकाशी से गंगोत्री तक एनजीटी के नियमों के तहत नदियों के बहाव और उसके स्पान के साथ तटों पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता है. वहीं, विभाग की ओर से खुलेआम नियमों का उलंघन किया जा रहा है. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

बता दें कि उत्तरकाशी आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील जिला है. ऐसे में यहां पर एनजीटी आदि नियमों के तहत नदी के आसपास निर्माण प्रतिबंधित है, लेकिन इन नियमों के बावजूद भी पर्यटन विभाग जमकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है. पर्यटन विभाग हर्षिल में जलंधरी नदी के स्पान के बीचों-बीच करीब 10 हटों का निर्माण कर रहा है. जो भविष्य में कभी भी सरकारी संपति का नुकसान के साथ वहां पर ठहरने वाले पर्यटकों की जान के साथ भी खिलवाड़ कर सकता है.

जलंधरी नदी के स्पान के बीच में हट का निर्माण.

ये भी पढ़ेंः शाबाश उत्तराखंड! अब यही तस्वीर देखनी रह गई थी बाकी, बेटियों को करना पड़ा ऐसा काम

सूत्रों की मानें तो पर्यटन विभाग की ओर से पहले इन हटों के निर्माण के लिए अन्य स्थान निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में इसे जलंधरी नदी के स्पान में निर्मित किया जा रहा है. बीते सालों की बात करें तो बरसात में जलंधरी नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण हर्षिल की ओर पानी का रिसाव होने लगा था. जिससे हर्षिल के लोगों में खौफ का माहौल बन गया था.

वहीं, आगामी बरसात में इसी प्रकार की स्थिति बनती है तो कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है. उधर, डीएम डॉ. आशीष चौहान का कहना है कि मामले में एसडीएम से विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाएगी. अगर नियमों का किसी प्रकार उलंघन हुआ होगा तो संबंधित विभाग के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

उत्तरकाशीः हर्षिल में पर्यटन विभाग का एक नया कारनामा सामने आया है. यहां पर पर्यटन विभाग की ओर से हर्षिल और बगोरी के बीच हटों का निर्माण किया जा रहा है. जो जलंधरी नदी के स्पान के बीच में स्थित है. जबकि, उत्तरकाशी से गंगोत्री तक एनजीटी के नियमों के तहत नदियों के बहाव और उसके स्पान के साथ तटों पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता है. वहीं, विभाग की ओर से खुलेआम नियमों का उलंघन किया जा रहा है. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

बता दें कि उत्तरकाशी आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील जिला है. ऐसे में यहां पर एनजीटी आदि नियमों के तहत नदी के आसपास निर्माण प्रतिबंधित है, लेकिन इन नियमों के बावजूद भी पर्यटन विभाग जमकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है. पर्यटन विभाग हर्षिल में जलंधरी नदी के स्पान के बीचों-बीच करीब 10 हटों का निर्माण कर रहा है. जो भविष्य में कभी भी सरकारी संपति का नुकसान के साथ वहां पर ठहरने वाले पर्यटकों की जान के साथ भी खिलवाड़ कर सकता है.

जलंधरी नदी के स्पान के बीच में हट का निर्माण.

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सूत्रों की मानें तो पर्यटन विभाग की ओर से पहले इन हटों के निर्माण के लिए अन्य स्थान निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में इसे जलंधरी नदी के स्पान में निर्मित किया जा रहा है. बीते सालों की बात करें तो बरसात में जलंधरी नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण हर्षिल की ओर पानी का रिसाव होने लगा था. जिससे हर्षिल के लोगों में खौफ का माहौल बन गया था.

वहीं, आगामी बरसात में इसी प्रकार की स्थिति बनती है तो कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है. उधर, डीएम डॉ. आशीष चौहान का कहना है कि मामले में एसडीएम से विस्तृत रिपोर्ट मांगी जाएगी. अगर नियमों का किसी प्रकार उलंघन हुआ होगा तो संबंधित विभाग के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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