उत्तरकाशी: उत्तराखंड में वन तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जिस पर लगाम लगाना वन विभाग के लिए चुनौती साबित हो रहा है. ताजा मामला उत्तरकाशी का है. जहां तस्कर जंगल से काजल की लकड़ी के गुटखे निकाल कर ले आए. जिसकी वन महकमे को भनक तक नहीं लगी. मामले का खुलासा तब हुआ, जब गंगोत्री हाईवे पर गंगोरी स्थित बैरियर पर एक वाहन की तलाशी ली गई. जहां वाहन से काजल की काठ के 200 गुटखे (कटोरे) बरामद किए गए. मामले में तीन लोगों को भी पकड़ा गया है. जिनके खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. बरामद कटोरे की कीमत करीब 20 से 25 लाख रुपए आंकी जा रही है.
उत्तरकाशी डीएफओ डीपी बलूनी ने बताया कि एसडीओ कन्हैया लाल और रेंज अधिकारी मुकेश रतूड़ी के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने सुबह करीब 5 बजे गंगोरी बैरियर पर चेकिंग के लिए एक वाहन को रोका. चेकिंग के दौरान वाहन से काजल की लकड़ी के 200 कटोरे मिले. हालांकि, इन कटोरों को अभी तराशा नहीं गया था. जो अभी गुटखे के रूप में थे, जिसे वन विभाग ने कब्जे में ले लिया. इसके साथ ही प्रतिबंधित लकड़ी ले जा रहे ऋषि लाल पुत्र सुरेंद्र लाल, सोहन लाल पुत्र प्यारे लाल निवासी गुमानीवाला (ऋषिकेश) और उज्जन सिंह पुत्र ललित निवासी धारापुरी (नेपाल) को गिरफ्तार कर लिया गया.
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फिलहाल, तीनों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. डीएफओ डीपी बलूनी ने बताया कि इससे पहले भी वन विभाग की टीम ने कई बार प्रतिबंधित काजल की लकड़ी पकड़ी है. वन विभाग रात दिन बैरियर पर चैकिंग अभियान चला रहा है. इधर, एसडीओ कन्हैया लाल ने बताया कि आरोपी भटवाड़ी ब्लॉक के सौरा और सारी के जंगलों से प्रतिबंधित काजल लकड़ी लेकर आ रहे थे. गौर हो कि कागज की लकड़ी के कटोरे आदि तैयार किए जाते हैं. जिसे नेपाल और चीन तक पहुंचाया जाता है. जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी डिमांड होती है.