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डर के आगे जीतः तेलंगाना के दो दिव्यांग युवकों ने फतह की 18 हजार फीट की ऊंचाई

तेलंगाना के दो युवकों ने दिव्यांग होने के बावजूद भागीरथी-2 के 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सबमिट कैम्प पर फतह हासिल की है. दिव्यांग युवकों के जज्बे को BSF ने सलाम किया है.

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Published : Sep 11, 2019, 5:48 PM IST

Updated : Sep 11, 2019, 7:25 PM IST

तेलंगाना के दो युवकों ने फतह की 18 हजार फीट की ऊंचाई.

उत्तरकाशी: दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किलें छोटी पड़ जाती हैं. इस कहावत को तेलंगाना के दो युवकों ने सच कर दिखाया है. हैदराबाद की एक निजी फांउडेशन में एमओयू साइन कर बीएसएफ के साथ दो दिव्यांग युवक अभियान में शामिल होने आए. पैर से दिव्यांग होने के बावजूद भी 21,365 फीट की ऊंची चोटी भागीरथी-2 के 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सबमिट कैम्प तक पहुंचे. वहीं, ये दोनों युवक 2020 में एवरेस्ट चोटी के आरोहण के लिए भी जाएंगे.

तेलंगाना के दो युवकों ने फतह की 18 हजार फीट की ऊंचाई.

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डिप्टी कमाडेंट भूपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि 10 अगस्त को उनका 21 सदस्यीय दल भागीरथी-2 की चोटी के आरोहण के लिए निकला था, जिसमें 6 दिव्यांग भी शामिल थे. इनमें से 4 पैरा मिलिट्री जवान और 2 युवक हैदराबाद के एक निजी फाउंडेशन से शामिल हुए थे.

ये भी पढ़ें: माता मूर्ति से मिलने पहुंचे बदरी विशाल, जयकारों से गूंजा भारत का अंतिम गांव

17 वर्षीय आर्यवर्धन और 22 वर्षीय शेख अरशद का एक पैर न होने के बावजूद दोनों युवकों ने अभियान के दौरान हार नहीं मानी. साथ ही अपने दल के साथ भागीरथी-2 चोटी के आरोहण में पूरी हिम्मत दिखाई.
डिप्टी कमाडेंट भूपेंद्र रावत ने बताया कि दोनों युवक करीब 16 किमी बर्फ में एक-एक स्टील के पैर के सहारे चले. 24 अगस्त को जब पूरी टीम भागीरथी-2 चोटी के सबमिट कैम्प 18000 फीट की ऊंचाई पर पहुंची तो भारी हिमपात के कारण दोनों युवकों को लेकर वापस लौटे. भूपेंद्र रावत ने बताया कि यह दोनों युवक एवरेस्ट चोटी के आरोहण के लिए तैयार हैं. वहीं, इन दोनों का हौसला पूरी बटालियन के लिए मिशाल है.

उत्तरकाशी: दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किलें छोटी पड़ जाती हैं. इस कहावत को तेलंगाना के दो युवकों ने सच कर दिखाया है. हैदराबाद की एक निजी फांउडेशन में एमओयू साइन कर बीएसएफ के साथ दो दिव्यांग युवक अभियान में शामिल होने आए. पैर से दिव्यांग होने के बावजूद भी 21,365 फीट की ऊंची चोटी भागीरथी-2 के 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सबमिट कैम्प तक पहुंचे. वहीं, ये दोनों युवक 2020 में एवरेस्ट चोटी के आरोहण के लिए भी जाएंगे.

तेलंगाना के दो युवकों ने फतह की 18 हजार फीट की ऊंचाई.

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डिप्टी कमाडेंट भूपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि 10 अगस्त को उनका 21 सदस्यीय दल भागीरथी-2 की चोटी के आरोहण के लिए निकला था, जिसमें 6 दिव्यांग भी शामिल थे. इनमें से 4 पैरा मिलिट्री जवान और 2 युवक हैदराबाद के एक निजी फाउंडेशन से शामिल हुए थे.

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17 वर्षीय आर्यवर्धन और 22 वर्षीय शेख अरशद का एक पैर न होने के बावजूद दोनों युवकों ने अभियान के दौरान हार नहीं मानी. साथ ही अपने दल के साथ भागीरथी-2 चोटी के आरोहण में पूरी हिम्मत दिखाई.
डिप्टी कमाडेंट भूपेंद्र रावत ने बताया कि दोनों युवक करीब 16 किमी बर्फ में एक-एक स्टील के पैर के सहारे चले. 24 अगस्त को जब पूरी टीम भागीरथी-2 चोटी के सबमिट कैम्प 18000 फीट की ऊंचाई पर पहुंची तो भारी हिमपात के कारण दोनों युवकों को लेकर वापस लौटे. भूपेंद्र रावत ने बताया कि यह दोनों युवक एवरेस्ट चोटी के आरोहण के लिए तैयार हैं. वहीं, इन दोनों का हौसला पूरी बटालियन के लिए मिशाल है.

Intro:उत्तरकाशी। दिल मे कुछ कर गुजरने की चाह हो,तो बड़ी से बड़ी मुसीबत भी छोटी पड़ जाती है। ऐसी ही कहानी है तेलंगाना के दो युवकों की। जो कि एक-एक पैर से विकलांग होने के बावजूद भी बीएसएफ की अगुवाई में गंगोत्री नेशनल पार्क की 21,365 फीट की ऊंची चोटी भागीरथी-2 के 18000 फीट की ऊंचाई पर सबमिट कैम्प तक पहुंचे। इन दोनों युवकों को हैदराबाद के एक निजी फाउंडेशन में एमओयू साइन कर बीएसएफ के साथ इस अभियान पर भेजा था। वहीं 2020 में यह दोनों युवक एवरेस्ट चोटी के आरोहण के लिए भी जाएंगे। etv bharat की exclusive रिपोर्टBody:वीओ-1. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डिप्टी कमाडेंड भूपेंद्र सिंह रावत ने 10 अगस्त को उनका 21 सदस्यीय दल भागीरथी-2 की चोटी के आरोहण के लिए निकला। जिसमें 6 विकलांग थे। इनमें से 4 पैरा मिलिट्री के जवान और 2 युवक हैदराबाद के एक निजी फाउंडेशन के शामिल थे। बताया कि इन दो युवकों आर्यवर्धन और शेख अरशद एक-एक पैर न होने के कारण विकलांग हैं। 17 वर्षीय आर्यवर्धन का दायां पैर नहीं है। 22 वर्षीय शेख अरशद का बायां पैर नहीं है। इन दोनों युवकों ने पूरे अभियान में कहीं हार नहीं मानी और अपने दल के साथ भागीरथी-2 चोटी के आरोहण के पूरी हिम्मत दिखाई। Conclusion:विओ-2, भूपेंद्र रावत ने बताया कि दोनों युवक करीब 16 किमी बर्फ में एक-एक स्टील के पैर के सहारे चले। 24 अगस्त को जब पूरी टीम भागीरथी-2 चोटी के सबमिट कैम्प 18000 फीट की ऊंचाई पर पहुंची। तो भारी हिमपात के कारण रावत इन दोनों युवकों को लेकर वापस लौटे। भूपेंद्र रावत ने बताया कि यह दोनों युवक एवरेस्ट चोटी के आरोहण के लिए तैयार हैं। वहीं इन दोनों का हौसला सबके लिए मिशाल हैं और यह दोनों हीरो हैं।
Last Updated : Sep 11, 2019, 7:25 PM IST
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