उत्तरकाशी: दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किलें छोटी पड़ जाती हैं. इस कहावत को तेलंगाना के दो युवकों ने सच कर दिखाया है. हैदराबाद की एक निजी फांउडेशन में एमओयू साइन कर बीएसएफ के साथ दो दिव्यांग युवक अभियान में शामिल होने आए. पैर से दिव्यांग होने के बावजूद भी 21,365 फीट की ऊंची चोटी भागीरथी-2 के 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सबमिट कैम्प तक पहुंचे. वहीं, ये दोनों युवक 2020 में एवरेस्ट चोटी के आरोहण के लिए भी जाएंगे.
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डिप्टी कमाडेंट भूपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि 10 अगस्त को उनका 21 सदस्यीय दल भागीरथी-2 की चोटी के आरोहण के लिए निकला था, जिसमें 6 दिव्यांग भी शामिल थे. इनमें से 4 पैरा मिलिट्री जवान और 2 युवक हैदराबाद के एक निजी फाउंडेशन से शामिल हुए थे.
ये भी पढ़ें: माता मूर्ति से मिलने पहुंचे बदरी विशाल, जयकारों से गूंजा भारत का अंतिम गांव
17 वर्षीय आर्यवर्धन और 22 वर्षीय शेख अरशद का एक पैर न होने के बावजूद दोनों युवकों ने अभियान के दौरान हार नहीं मानी. साथ ही अपने दल के साथ भागीरथी-2 चोटी के आरोहण में पूरी हिम्मत दिखाई.
डिप्टी कमाडेंट भूपेंद्र रावत ने बताया कि दोनों युवक करीब 16 किमी बर्फ में एक-एक स्टील के पैर के सहारे चले. 24 अगस्त को जब पूरी टीम भागीरथी-2 चोटी के सबमिट कैम्प 18000 फीट की ऊंचाई पर पहुंची तो भारी हिमपात के कारण दोनों युवकों को लेकर वापस लौटे. भूपेंद्र रावत ने बताया कि यह दोनों युवक एवरेस्ट चोटी के आरोहण के लिए तैयार हैं. वहीं, इन दोनों का हौसला पूरी बटालियन के लिए मिशाल है.